लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और JDS के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की। अमित शाह के आवास पर हुई बैठक में कुमारस्वामी के बेटे और जेडीएस युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी और पूर्व सांसद कुपेंद्र रेड्डी भी मौजूद थे। इस दौरान दोनों पार्टियों ने सीट-शेयरिंग पर बातचीत की।

लोकसभा चुनाव के लिए सीट-शेयरिंग पर बातचीत के दौरान भाजपा और कर्नाटक में उसके नए गठबंधन सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) ने चुनाव में एक दूसरे के साथ विचार-विमर्श कर राज्य की 28 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवार फाइनल करने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, बुधवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी के साथ हुई पहले दौर की बातचीत में गृह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित भाजपा नेतृत्व ने जेडीएस को तीन सीटों की पेशकश की।

JDS कर रही 5 सीट की डिमांड

भाजपा ने कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनावों में 25 सीटें जीतीं, जबकि जेडीएस ने केवल हासन जीता था जो पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा का पारिवारिक क्षेत्र है। बीजेपी ने अपने सहयोगी को हासन और मांड्या ऑफर दिया है। जेडीएस के सूत्रों ने कहा कि भाजपा ने कोलार, बेंगलुरु ग्रामीण और तुमकुर में से तीसरी सीट का विकल्प भी पेश किया है। बीजेपी द्वारा दी गई सभी सीटें दक्षिणी कर्नाटक के वोक्कालिगा बेल्ट में हैं। वहीं, राज्य में अपनी राजनीतिक स्थिति बनाए रखने के लिए लगभग पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक जेडीएस ने भाजपा से उत्तरी कर्नाटक में एक सीट देने को कहा है।

क्या कुमारस्वामी लड़ेंगे चुनाव?

JDS उसे मिली दो सीटों में से हासन के लिए अपने उम्मीदवार को लेकर असमंजस की स्थिति है क्योंकि देवेगौड़ा के पोते और मौजूदा सांसद प्रज्वल रेवन्ना के स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ मधुर संबंध नहीं हैं। सूत्रों ने कहा कि जेडीएस भाजपा से बातचीत कर हासन के लिए वैकल्पिक उम्मीदवारों पर विचार कर रही है।

मांड्या एक ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जहां से कुमारस्वामी खुद चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। कुमारस्वामी ने गुरुवार को कहा कि उन पर पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से चुनाव लड़ने का दबाव था। उन्होंने कहा, “तुमकुर, चिक्कबल्लापुर, मांड्या और बेंगलुरु ग्रामीण सीटों के कार्यकर्ता दबाव डाल रहे हैं। मेरे लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला दोनों पार्टियों के नेता सीटों पर चर्चा के दौरान करेंगे।”

JDS के सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने पार्टी को बेंगलुरु ग्रामीण सीट की पेशकश की है, लेकिन पार्टी चाहती है कि भाजपा उम्मीदवार सी पी योगेश्वर जेडीएस के समर्थन से इस सीट पर चुनाव लड़ें। 2013 के बाद से उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के भाई डी के सुरेश तीन बार इस सीट पर जीत चुके हैं। कुमारस्वामी ने 2009 में इस निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी।

राम मंदिर अभिषेक के बाद होगी चर्चा

बुधवार को बैठक के बाद कुमारस्वामी ने एक बयान में कहा, “गृह मंत्री शाह और जेपी नड्डा ने जद (एस) नेताओं के साथ राज्य की राजनीति, सीट बंटवारे और गठबंधन के मुद्दे पर 45 मिनट से अधिक समय तक चर्चा की।” पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि अमित शाह ने उनसे कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के पूरा होने के बाद वह जेडीएस की आधिकारिक तौर पर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने की प्रक्रिया और सीट शेयरिंग पर चर्चा करेंगे।