केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनावी सुधारो पर भाषण दिया। राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान कुछ आरोप लगाए थे और बीजेपी पर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने कहा था कि आरएसएस के लोग देश की संस्थाओं पर कब्जा कर रहे हैं। इसी का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश का पीएम आरएसएस की विचारधारा का है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जनादेश से प्रधानमंत्री बने हैं। अमित शाह ने कहा कि देश के लिए मरना ही RSS की विचारधारा है।
अमित शाह ने किया नारे का जिक्र
राहुल गांधी ने आज अमित शाह के भाषण के बीच में कहा कि आप डरा हुआ जवाब दे रहे हैं। इसके बाद अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान कहा कि मैं अपनी ही बात करता हूं और मैं डरता नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मैं जब 10 साल का था, तब मैंने नारे लगाए थे, “असम की गलियां सूनी हैं, इंदिरा गांधी खूनी हैं।”
शाह ने सुनाया था किस्सा
अमित शाह इस घटनाक्रम का जिक्र कई बार कर कर चुके हैं। 2022 में गुवाहाटी में बीजेपी दफ्तर के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा था मैं विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में असम आया था, तब हमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया ने बहुत मरवाया था। अमित शाह ने कहा कि हम नारे लगाते थे, असम की गलियां सूनी है और इंदिरा गांधी खूनी है और तब हमे पुलिस ने पीटा था। अमित शाह ने इस दौरान कहा था कि हमने उस वक्त कल्पना भी नहीं की थी कि भाजपा अपने दम पर यहां पर 2 बार सरकार बनाएगी।
लोकसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, “जब इनके जमाने में चुनाव होते थे, बिहार और यूपी में पूरे के पूरे पर्चों के बक्से गायब हो जाते थे। ईवीएम आने के बाद यह सब बंद हो गया। चुनाव की चोरी बंद हुई है, इसलिए पेट में दर्द हो रहा है। दोष ईवीएम का नहीं है, चुनाव जीतने का तरीका जनादेश नहीं था, भ्रष्ट तरीका था। आज ये एक्सपोज हो चुके हैं।”
अमित शाह के भाषण के दौरान विपक्ष ने वाकआउट कर दिया इसके बाद अमित शाह ने कहा, “ये क्यों सदन छोड़कर भाग गए? मैं तो कांग्रेस पार्टी की बात ही नहीं कर रहा था, मैं तो घुसपैठियों पर बात कर रहा था। हमारी नीति है, डिटेक्ट, डिलीट, डिपोर्ट, जबकि उनकी ( कांग्रेस) नीति है, घुसपैठ को Normalize कर दो, मान्यता प्रदान कर दो और मतदाता सूची में डालकर Formalize कर दो।”
