लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र विपक्षी की एकता की बातें तो खूब हो रही हैं। लेकिन, जमीन पर इनके बीच एकजुटता का अभाव साफ देखा जा सकता है। ‘द संडे एक्सप्रेस’ में छपे एक साप्ताहिक आर्टिकल में कोमी कपूर ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष बिखरा हुआ नज़र आ रहा है। कपूर ने मुलायम सिंह यादव के बयान को आधार बनाते हुए अपनी बात कही है। उन्होंने लिखा है कि संसद में मुलायम सिंह यादव ने नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने की अपनी ख्वाहिश जताकर पूरे विपक्ष को हैरत में डाल दिया। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की इस टिप्पणी का प्रधानमंत्री मोदी ने सदन के भीतर दो बार जिक्र किया।

लोकसभा चुनाव सिर पर है और पिछले हफ्ते तक गैर-सत्ताधारी पार्टियां एक पेज पर नहीं आ सकती हैं, यह उनके भीतर जारी असहमति का बड़ा संकेत है। गौरतलब है कि संसद के सेंट्रल हॉल की एक बैठक में गुस्से से भरीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी (पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष) को संबोधित करते हुए कहा कि वह कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के उस भाषण को नहीं भूलेंगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल में हुए चिटफंड में उनकी (ममता बनर्जी) मिलीभगत रही है।

वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कांग्रेस से नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल, जब अखिलेश को प्रयागराज जाने से रोकने पर समाजवादी पार्टी ने संसद में योगी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया तब कांग्रेस ने इससे किनारा कर लिया। हालांकि, इस दौरान अखिलेश के साथ तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी और टीडीपी सरीखे दल साथ खड़े दिखाई दिए।

वहीं, बीजेपी समर्थिक माने जाने वाले एक अंग्रेजी न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में शिरकत करने से कांग्रेस ने अपने सहयोगी दल आरजेडी को मना किया और कार्यक्रम का बायकॉट करने के लिए कहा। लेकिन, एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने इससे अलग विरोधी पार्टी और उनके नेताओं के कार्यक्रम में शिरकत की। पटेल का कहना था कि पार्टी की विचारधारा अलग मसला है, लेकिन सामाजिक जीवन के उनके निजी संबंध भी मायने रखते हैं। दरअसल, प्रफुल पटेल बीजेडी के बागी नेता जय पांडा की बुक लॉन्चिंग सुबह पहुंचे और उसके ठीक बात रात को बीजेडी प्रमुख नवीन पटनाय के साथ ड्रिंक भी किया।