Lok Sabha Election: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि 16 वीं लोकसभा के 521 सदस्यों में से 106 (20 प्रतिशत) के उपर हत्या, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें से सबसे अधिक भाजपा के सदस्य हैं। वर्तमान में भाजपा के 267 सांसद हैं। इनमें से 92 सदस्यों ने अपने आपराधिक मामलों की घोषणा की है। इन 92 सदस्यों में से 58 के उपर गंभीर मामले दर्ज हैं, जो कि कुल गंभीर मामलों का करीब 55 प्रतिशत है। दूसरे नंबर पर भाजपा की सहयोगी पार्टी शिव सेना का स्थान है। इस पार्टी के 15 सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की घोषणा की है। वहीं, इनके 8 सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीसरे स्थान पर तृणमूल कांग्रेस है। इसके 7 सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जिनमें 4 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के 7 सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है। इसमें से 2 के उपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एआईडीएमके के 6 सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की, जिनमें 3 के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं। एनसीपी के 6 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। टीडीपी के 6 सांसदों ने अपने उपर दर्ज आपराधिक मामलों की घोषणा की, जिसमें 1 के खिलाफ गंभीर मामला दर्ज है। सीपीआई (एम) के 5 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें एक के खिलाफ गंभीर मामला है।
बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी लोजपा के 4 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 2 के खिलाफ गंभीर मामला है। लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के 4 और टीआरएस के 3 सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बीजू जनता दल के 2 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामला है, जिनमें एक के खिलाफ गंभीर मामला दर्ज है। वहीं, आईएनडी के 2, वाईएसआरसीपी के 2, और जदयू के 1 सांसद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामला दर्ज है। वहीं, अन्य 12 सांसदों के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 8 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामला दर्ज है। यूं कहें तो दागी नेताओं पर भाजपा ने सबसे ज्यादा विश्वास जताया है। वहीं, कांग्रेस की छवी इस मामले में भाजपा की तुलना में काफी अच्छी दिख रही है।