डोकलाम में चीनी दखल को लेकर विदेश मामलों की संसदीय समिति की बैठक अचानक से रद्द कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद शशि थरूर को पत्र लिखकर इसकी सूचना दी थी। लोकसभा स्पीकर ने लिखा, ‘कुछ सांसदों ने मुझसे मिलकर बहुत ही कम समय में बैठक बुलाने पर आपत्ति जताई थी। इसके अलावा बजट पर लोकसभा में महत्वपूर्ण बहस भी होनी है, जिसके बाद वित्त मंत्री (अरुण जेटली) बयान देंगे। इन वजहों के मद्देनजर मैं आपको (शशि थरूर) विदेश मामलों की समिति की बैठक रद्द करने का निर्देश देती हूं।’ अन्य सांसदों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस समिति में सदस्य के तौर पर शामिल हैं। ‘पीटीआई’ के अनुसार, संसदीय समिति की बैठक गुरुवार (8 फरवरी) को दोपहर बाद 3 बजे होनी थी, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष के आदेश के कारण इसे ऐन वक्त पर रद्द करना पड़ा। इसमें पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर, पूर्व विदेश सचिव श्याम शरण, पूर्व राजदूत जी. पार्थसारथी और सैटेलाइट चित्रों के विशेषज्ञ कर्नल विनायक भट्ट से जवाब-तलब किया जाना था।
Some MPs met me & raised objection that meeting has been called at very short notice also today there is important discussion on General Budget in LS & FM's reply is slated after discussion: Sumitra Mahajan to Shashi Tharoor on him calling meeting of committee on external affairs
— ANI (@ANI) February 9, 2018
In view of the above reasons I hereby direct you to cancel the meeting of committee on external affairs today: Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan in letter to Shashi Tharoor
— ANI (@ANI) February 9, 2018
सूत्रों ने बताया कि विदेश मामलों पर संसदीय समिति की बैठक रद्द कर दी गई, लेकिन पिछड़े वर्गों से जुड़ी समिति की बैठक पूर्व निर्धारित समय पर 8 फरवरी को दोपहर बाद हुई। एक नेता ने लोकसभा अध्यक्ष के कदम को अप्रत्याशित करार दिया है। इस नेता ने बताया कि संसदीय समिति का प्रत्येक सदस्य भारत की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को इस तरह से पीछे नहीं धकेल सकती है। जनता को वहां की जमीनी हालत की सच्चाई और सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बारे में जानने का पूरा हक है।’
सैटेलाइट से भेजी गई चित्रों का विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञों ने डोकलाम में चीनी सेना द्वारा व्यापक पैमाने पर सैन्य साजो-सामान जुटाने का दावा किया था। रक्षा विशेषज्ञों ने विवादित क्षेत्र में पड़ोसी देश द्वारा हेलीपैड तक विकसित करने की बात कही थी। मालूम हो कि डोकलाम में चीनी सेना के तंबू और बख्तरबंद वाहनों के पूर्व की तरह मौजूद होने की बात की पुष्टि भी की गई थी। संसदीय समिति की बैठक में डोकलाम के हालात पर चर्चा होनी थी। मालूम हो कि डोकलाम में भारत और चीन के बीच 73 दिनों की तनातनी के बाद कहीं जाकर हालात सामान्य हुए थे। शीर्ष स्तर पर बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी थीं। लेकिन, डोकलाम क्षेत्र में चीन द्वारा सैन्य साजो-सामान जुटाने की बात सामने आई है। सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत भी चीन के मंसूबों पर संदेह जता चुके हैं।