26 जून को होने वाले लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर राजनीति तेज हो गई है, एक तरफ अगर बीजेपी अपना प्रत्याशी खड़ा करने जा रही है तो खबर है कि इंडिया गठबंधन भी अपने उम्मीदवार को मैदान में उतार सकता है। असल में विपक्ष की तरफ से मांग की गई है कि डिप्टी स्पीकर का पद उन्हें दे दिया जाए, अगर ऐसा किया गया तो वो अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे, लेकिन अगर एनडीए ने उनकी बात नहीं मानी तो उस स्थिति में बीजेपी उम्मीदवार को चुनौती देने का काम किया जाएगा।
विपक्ष क्यों चाहता डिप्टी स्पीकर का पद?
अब डिप्टी स्पीकर का पद इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि पिछले 5 सालों से यह पोस्ट खाली चल रही है। ना विपक्ष के पास इतने नंबर थे और ना ही सदन में उसकी स्थिति मजबूत थी, ऐसे में वो किसी भी तरह से मोदी सरकार को चुनौती नहीं दे पा रही थी। 10 सालों से स्पीकर का पद भी बीजेपी के पास ही चल रहा था, लेकिन वर्तमान लोकसभा में स्थिति बदली हुई है। एक तरफ कहने को एनडीए सरकार सत्ता में वापस आ चुकी है, लेकिन इंडिया गठबंधन की स्थिति भी काफी मजबूत है। विपक्ष की तरफ से पूरी मजबूती के साथ मांगें रखी जा रही हैं।
जेडीयू-टीडीपी को भड़काया?
वैसे अभी तक कोई फैसला तो उसकी तरफ से लिया नहीं गया, माना जा रहा है कि संसद सत्र शुरू होने से पहले ही इस मुद्दे पर कोई फैसला लिया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि इस बार जेडीयू और टीडीपी भी स्पीकर पद पर अपनी नजर बनाए हुए थी। पहले वो चाहती थी कि बीजेपी स्पीकर का पद उन्हें दे दे। लेकिन अब बदली हुई स्थिति में बीजेपी स्पीकर पद अपने पास ही रख सकती है, वही जेडीयू और टीडीपी को भी मना लिया गया है। इंडिया गठबंधन जरूर पूरी कोशिश कर रहा था कि स्पीकर का पद जेडीयू या टीडीपी अपने पास रखे, लेकिन दोनों ही दलों ने एकता का संदेश देकर एनडीए के साथ मजबूती खड़े रहने का ऐलान कर दिया है।
स्पीकर पद, दावेदार कौन-कौन?
वैसे अगर बीजेपी के अलावा एनडीए के सहयोगी स्पीकर पद को लेकर दिलचस्पी नहीं दिख रहे हैं, तो तीन नाम सबसे अधिक उभर कर सामने आ रहा है। बीजेपी के 7 बार के सांसद राधा मोहन सिंह का नाम भी स्पीकर पद के लिए है। तो वहीं पिछले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का नाम भी सुर्खियों में है और वह भी दोबारा स्पीकर बन सकते हैं। वहीं तीसरा नाम जो सुर्खियों में छाया हुआ है वह भाजपा की आंध्र प्रदेश अध्यक्ष दग्गुबाती पुरंदेश्वरी का है। वह सांसद बनी हैं और चंद्रबाबू नायडू की पत्नी की बहन हैं। माना जा रहा है कि उन्हें टीडीपी भी आसानी से स्वीकार कर लेगी।