लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने 195 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। कई सांसदों के टिकट काटे गए हैं और नए चेहरों को भी मैदान में उतारा गया है। लेकिन कई ऐसे बड़े नाम हैं जिनकी उम्मीदवारी को लेकर अभी संशय बना हुआ है। चर्चा यह भी है कि कई बड़े नेताओं और मौजूदा सांसदों के टिकट आने वाली लिस्ट से गायब दिखाई दे सकते हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के 29 सहित 100 से अधिक लोकसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा को रोक रखा है और इस सीटों के लिए कई दौर की बैठकों में चर्चा हो चुकी है।
क्या हैं चर्चा?
इस चर्चा के बीच यह देखा जाना भी ज़रूरी है कि खासतौर पर यूपी की ज़्यादातर जो सीटें पार्टी ने रोक रखी हैं वे पूर्वी क्षेत्र में हैं जहां छोटे दलों के साथ सीट-बंटवारे के सौदे को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह (गाज़ियाबाद), मेनका गांधी (सुल्तानपुर), वरुण गांधी, (पीलीभीत) बृजभूषण शरण सिंह जैसे नामों पर फिलहाल मुहर नहीं लगी है।
गाजियाबाद के पड़ोस में पड़ने वाली ज़्यादातर सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। लेकिन वी के सिंह का नाम पहली लिस्ट में नहीं है, जिससे ये संकेत मिलता है कि पार्टी के आला अधिकारी उन्हें बदलने पर विचार कर सकते हैं। ऐसे भी संकेत हैं कि पार्टी लाइन से बाहर कई बार बयान देने के मामलों को देखते हुए वरुण गांधी का टिकट भी काटा जा सकता है और इसका सीधा असर मेनका गांधी पर भी पड़ सकता है।
ऐसी अटकलें हैं कि कैसरगंज से बृजभूषण सिंह का नाम आगे करने में आलाकमान कुछ हिचकिचाहट है और ऐसी चर्चा है कि उनके बेटे प्रतीक भूषण सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है। अगली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक जल्द होने की उम्मीद है जिसमें महाराष्ट्र और बिहार की सीटों का ऐलान भी हो सकता है।