लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर टकराव कम नहीं हो रहा है। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) के घटक दलों शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार खेमे वाली एनसीपी के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। राज्य में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं। मुंबई में छह सीटें हैं। यहां कांग्रेस छह में से तीन सीटें मांग रही है। शिवसेना (यूबीटी) कांग्रेस को एक सीट से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। ऐसे में दोनों दलों के बीच यह मुद्दा गहराता जा रहा है। इसकी वजह से सीट शेयरिंग फार्मूला भी नहीं बन पा रहा है।

राज्य की 38 सीटों पर आम सहमति बनी, बाकी पर है विवाद

फिलहाल तीनों दलों के नेताओं के बीच मुंबई के अलावा काफी सीटों पर आम सहमति बन गई है। सूत्रों का कहना है कि राज्य में 38 सीटों पर आम सहमति है। 10 सीटों पर मतभेद है। इन पर अभी फैसला होना है। पार्टी नेताओं का कहना है कि अगर कोई सहमति नहीं बनती है तो एनसीपी नेता शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और कांग्रेस पर्यवेक्षक रमेश चेन्नीथला इसको लेकर एक बैठक करेंगे और मुद्दे पर जल्द से जल्द सुलह का रास्ता निकालेंगे।

प्रकाश अंबेडकर बोले, कांग्रेस अकेले लड़ी तो खो देगी जमानत

इस बीच वंचित बहुजन अगाड़ी (VBA) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने मंगलवार को कहा कि अगर कांग्रेस महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ती है, तो वह 50 प्रतिशत सीटों पर अपनी जमानत खो देगी। इसलिए पार्टी को महा विकास अघाड़ी (MVA) के तहत चुनाव पूर्व गठबंधन को मानना चाहिए।

अंबेडकर ने चेतावनी दी, “सहयोगियों के समर्थन के बिना कांग्रेस के लिए राह कठिन होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अब गठबंधन में नेतृत्व की स्थिति नहीं ले सकती उन्होंने कहा, “हमने देखा कि कैसे कांग्रेस की एकछत्र बढ़त के कारण भारतीय गुट विघटित हो गया। अगर कांग्रेस महाराष्ट्र में भी ऐसा ही करती है, तो इसका एमवीए पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।”

अंबेडकर की टिप्पणी उस दिन आई है जब एमवीए नेता महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों के लिए सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा करने के लिए मुंबई में एक बैठक कर रहे हैं। वीबीए अध्यक्ष वाशिम में हैं। इसलिए बैठक में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उनके प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। डॉ. बीआर अंबेडकर के पोते अंबेडकर ने कहा, “वीबीए ने हमेशा समान विचारधारा वाले धर्मनिरपेक्ष मोर्चों के साथ काम किया है। यह सभी वर्गों, विशेषकर दलितों, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आदिवासियों, उत्पीड़ितों और मुसलमानों को एक साथ लेने में विश्वास करता है।”