Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस समय उत्तर प्रदेश में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) निकाल रहे हैं। यहां सपा और कांग्रेस का पीडीए (PDA) के तहत गठबंधन भी फाइनल हो गया है। ऐसे में यह सवाल उठने लगे थे कि क्या एक बार फिर अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ सकते हैं। अभी अमेठी से लड़ने का यह सवाल खत्म नहीं हुआ था कि नया सवाल वायनाड को लेकर खड़ा हो गया है। वायनाड से राहुल गांधी सांसद हैं लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स चलने लगी हैं कि शायद इस बार वे वायनाड से चुनाव ही न लड़ें क्योंकि वे किसी अन्य सीट से 2024 से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

दरअसल, आज ही सीपीएम ने वायनाड सीट (Wayanad Lok Sabha Seat) के लिए अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने वायनाड से सीपीएम नेता एनी राजा को चुनावी मैदान में उतारा है। एनी राजा सीपीएम महासचिव डी राजा की पत्नी है और आए दिन वायनाड से सांसद राहुल गांधी पर हमला बोलती रही हैं। एनी राजा पहले भी इस सीट से चुनाव लड़ने की बात कर चुकी थी और उनके लड़ने का आधिकारिक ऐलान सीपीएम ने ही कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी सीट चेंज कर सकते हैं। वे इस बार तेलंगाना या कर्नाटक की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि एक बार फिर उत्तर प्रदेश की एक सीट से चुनाव लड़ेंगे और दूसरी सीट दक्षिण भारत के किसी राज्य की हो सकती है। वायनाड वह सीट हैं जहां से राहुल गांधी ने 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। केरल से ये 2019 लोकसभा चुनावों की सबसे बड़ी जीत थी।

2019 में स्मृति ने दी थी मात

बात अमेठी की करें तो 2014 में ही अमेठी में राहुल गांधी के सामने चुनौती खड़ी हो गई थी और बीजेपी ने स्मृति इरानी को प्रत्याशी बनाया था। स्मृति को राहुल ने 2014 में तो हरा दिया था लेकिन उन्हें 2019 में एक बड़ी चुनौती स्मृति द्वारा ही मिली थी। कांग्रेस पार्टी को भी चुनाव से पहले आभास हो गया था कि राहुल गांधी हार भी सकते हैं। इसी के चलते राहुल 2019 में अमेठी के अलावा एक अन्य सीट से भी चुनाव लड़े थे। नतीजा ये कि राहुल वायनाड तो जीत गए थे लेकिन उन्हें अमेठी से करारी हार का सामना करना पड़ा था।

गौरतलब है कि एक तरफ जहां कांग्रेस का लेफ्ट से केरल में गठबंधन नहीं हुआ है, तो दूसरी ओर बीजेपी केरल में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही है। केरल में बीजेपी खास रणनीति अपना रही है, जिसमें वह अलग अलग दलों के कई नेताओं को भी साथ ला चुके हैं। पीएम मोदी लगातार केरल का दौरा कर रहे हैं और 27 फरवरी को एक बार फिर पीएम केरल जाने वाले हैं।

भले ही केरल में बीजेपी का कोई ज्यादा आधार नहीं है लेकिन फिर भी बीजेपी की सक्रियता और गठबंधन का चक्रव्यूह कांग्रेस को बेचैन कर रहा है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को वायनाड से लड़ाने से परहेज कर सकती है और उन्हें कर्नाटक या तेलंगाना की कोई सीट भी दी जा सकती है।