Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित हो गए हैं, इसमें उत्तर प्रदेश में बीजेपी को झटका लगा है, उसकी सीटें यूपी में पिछले चुनावों की तुलना में आधी रह गई है। वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन ने यूपी में सबसे ज्यादा सीटें हासिल की हैं। इस चुनाव में बीएसपी की हालत सबसे ज्यादा खराब हो गई है, जो कि 2014 की तरह ही एक बार फिर शून्य सीट ही लेकर आई है। इस पर अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है उन्होंने मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देने को लेकर बड़ी बात कही है।

दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी नतीजों मे बीएसपी के शून्य सीटें आने पर पार्टी प्रमुख मायावती ने दो पन्नों का एक बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी किया है। इसमें कहा गया कि मुस्लिम समाज बसपा का खास अंग रहा है, लेकिन पिछले कई चुनावों और इस बार के लोकसभा चुनाव में भी उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद बसपा को समझ नहीं पा रही है।

भविष्य में सोच-समझकर देंगे प्रतिनिधित्व

मायावती ने मुस्लिम समाज को लेकर कहा कि अब भविष्य में बेहद ही सोचसमझकर चुनाव में पार्टी उन्हें मौका देगी, जिससे पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान न हो। आम चुनाव में आए नतीजों को लेकर अपने बयान में मायावती ने पार्टी की हार की गहन समीक्षा करने और सुधार के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही है मायवती ने कहा है कि लोकसभा चनाव का जैसा भी नतीजा आया है, यह लोगों के सामने है और अब देश के लोकतत्र और संविधान, और देशहित के बारे में उन्हें ही सोचना और फैसला करना है।

मायावती ने कहा है कि लोगों को यह सोचना चाहिए कि यह जो चुनाव परिणाम आया है, उसका आगे उन सबके जीवन पर क्या असर पड़ने वाला है और उनका अपना भविष्य कितना शांत, समृद्ध और सुरक्षित रह पाएगा, या नहीं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में यूपी की ओर देश की निगाहें गहराई से टिकी हुई थी, यह जो भी रिजल्ट आया है, बीएसपी उके बारे में गंभीरता से विश्लेषण करेगी, पार्टी के मूवमेंट के हित में जो भी जरूरी होगा, उसे लेकर ठोस कदम उठाएगी।

चुनाव आयोग पर भी उठा दिए सवाल

मायावती ने प्रचंड गर्मी में चुनाव कराए जाने को लेकर सवाल उठाए और कहा कि बसपा चुनाव आयोग से मांग करती रही है कि चुनाव बहुत लंबा नहीं खिंचना चाहिए। यह चुनाव सात चरणों में ढाई महीने लंबा चला है। चुनाव कराते समय आम लोगों के हितों के साथ-साथ ड्यूटी में लगने वाले लाखों सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों के हितों को ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए।

मायावती ने कहा है कि चुनाव तीन या अधिकतम चार चरणों में होने चाहिए, लेकिन ऐसा न करके यह चुनाव जोरदार गर्मी और तपिश के बीच कराया गया, जनजीवन के अस्त-व्यस्त होने के कारण चुनाव काफी ज्यादा प्रभावित रहा और गरीब मेहनतकश लोगों के उत्साह में कमी आ गई, इससे वोट प्रतिशत काफी प्रभावित हुआ था। उन्होंने मांग की है कि आगे चुनाव चुनाव आयोग को परेशानियों को ध्यान में रखकर चुनाव कराने चाहिए।