Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी कि पति रॉबर्ट वाड्रा अचानक पॉलिटिक्स में सक्रिय हो गए हैं। आमतौर पर मीडिया से दूरी बनाने वाले वाड्रा खुलकर राजनीति की बात कर रहे हैं और लगातार चुनाव लड़ने की भी इच्छा जाहिर कर रहे हैं।

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी को लगता है कि अगर मैं बदलाव ला सकता हूं तो सक्रिय राजनीति में आऊंगा। उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी नहीं है कि मैं अमेठी से चुनाव लडूं। मुरादाबाद और हरियाणा से भी इलेक्शन लड़ सकता हूं। वाड्रा ने कहा कि मेरी सोच है कि धर्म निरपेक्ष रहना चाहिए, धर्म की राजनीति से दूर रहना चाहिए। खास बात यह है कि वाड्रा ने खुद मुरादाबाद का नाम लिया है, जबकि अमेठी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।

मुझे राजनीतिक तौर पर घसीटा गया- रॉबर्ट वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा ने दावा किया कि गांधी परिवार से संबंध के कारण उन्हें राजनीतिक तौर पर घसीटा गया है। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति से दूर रहा हूं, लेकिन विभिन्न राजनीतिक दलों ने मुझे राजनीति में खींच लिया है और मुझे परेशान करने के लिए हथकंडे अपनाए हैं। गांधी परिवार से जुड़े होने की वजह से मुझे हमेशा एक राजनीतिक उपकरण के तौर पर देखा गया है।

धर्म की राजनीति से दूर रहना चाहिए- रॉबर्ट वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा बोले कि हमें धर्म की राजनीति से दूर रहना चाहिए और भेदभाव नहीं करना चाहिए। पीएम मोदी को लोगों की समस्याओं को समझना चाहिए और सोचना चाहिए कि हम विकास के रास्ते पर कैसे आगे बढ़ सकते हैं। मेरा परिवार भेदभाव नहीं करता और हम ऐसे ही सेक्युलर देश के बारे में सोचते हैं। जहां तक सक्रिय राजनीति में मेरी भूमिका का सवाल है। मैंने जब भी लोगों के लिए काम किया है, उन्होंने मुझे मजबूती दी है। देश मुझे सक्रिय राजनीति में देखना चाहता है।

अमेठी और रायबरेली पर चेहरे को लेकर सस्पेंस

अमेठी और रायबरेली की सीट हमेशा से गांधी परिवार का गढ़ रही हैं। इस सीट से राहुल गांधी को बीजेपी की सांसद स्मृति इरानी ने करारी शिकस्त दी थी। इसके बाद अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी को चेहरे की तलाश है। वहीं, रायबरेली 2019 में उत्तर प्रदेश में एकमात्र सीट थी, जहां कांग्रेस को जीत मिली थी। सोनिया गांधी रायबरेली सीट से कई बार सांसद रह चुकी हैं। हालांकि, इस बार स्वास्थ्य का हवाला देकेर उन्होंने लोकसभा इलेक्शन लड़ने के लिए मना कर दिया है और राजस्थान से राज्यसभा जा चुकी हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को इन सीटों पर प्रत्याशियों को तलाशने की सबसे बड़ी चुनौती हैं।