Lok Sabha Election 2024: भाजपा की पांचवीं लिस्ट में पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का नाम गायब है। भाजपा ने उनकी जगह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। इस पर अब पश्चिम बंगाल की बेहरामपुर सीट से लोकसभा कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी पर जुबानी हमला बोलते हुए वरुण गांधी को कांग्रेस पार्टी के साथ आने का ऑफर दिया है।
अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने वरुण गांधी को इस वजह से टिकट नहीं दिया है क्योंकि वह गांधी परिवार से संबंध रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। अगर वे कांग्रेस में आते हैं तो हमें बहुत खुशी होगी। वरुण गांधी एक कद्दावर और काफी काबिल नेता हैं। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि अब वरुण गांधी कांग्रेस में आ जाएं।
किस छल का इशारा कर रहे वरुण?
वरुण गांधी की आगे की सियासी राह क्या होगी। इसको लेकर भी काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या वह कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के साथ जाएंगे या निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक, वरुण गांधी अपने करीबियों से कह रहे हैं कि उनके साथ छल हुआ है। आखिरकार छल क्या है? राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि 5वीं लिस्ट में बीजेपी ने वरुण को बेटिकट किया तो उनकी मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर से चुनावी मैदान में उतारा है। पीलीभीत में चुनाव पहले चरण में तो सुल्तानपुर में आखिरी यानी 7वें चरण में होंगे। अगर वरुण गांधी बागी रूख अपनाते हैं तो उनकी मां के चुनाव पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
जितिन प्रसाद दाखिल करेंगे नामांकन
बुधवार यानी कि 27 मार्च को जितिन प्रसाद नामांकन दाखिल करेंगे। 27 मार्च ही नॉमिनेशन का आखिरी दिन है। ऐसे में माना जा रहा है वरुण गांधी अब नामांकन नहीं करेंगे। जितिन प्रसाद ने जब सोमवार को पहली बार प्रत्याशी घोषित होने के बाद पीलीभीत का दौरा किया तो उन्होंने सबसे पहले सिखों के साथ बैठक की थी। इस मीटिंग में उन्होंने साफ कहा था कि वह हर हाल में सिखों के साथ खड़े रहेंगे।
वरुण गांधी का रवैया पड़ा भारी
बता दें कि वरुण गांधी केंद्र के तीन कृषि कानूनों के आने के बाद से ही अपनी पार्टी और सरकार के खिलाफ हमलावर रहे। हालांकि, बाद में सरकार ने इन कानूनों को वापस ले लिया था। इसके बाद उन्होंने रोजगार और स्वास्थ्य समेत कई मुद्दों पर बीजेपी के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किया था। ऐसे में माना जा रहा था कि वरुण के इस रूख की वजह से पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं देगी और ऐसा ही हुआ।