Lok Sabha Chunav 2024: देशभर में लोकतंत्र के महापर्व के लिए मतदान जारी है। आज पांचवें चरण में आठ राज्यों की 49 सीटों पर वोटिंग हो रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में हुए पांचवें फेज में भारतीय जनता पार्टी ने करीब 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी करीब 32 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। वहीं, अब अगर बात की जाए 2014 के लोकसभा चुनाव की तो पार्टी ने यहां पर करीब इतनी ही सीटों पर अपने उम्मीदवार खडे किए थे और उसे 27 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। साल 2009 के चुनाव में पार्टी केवल महज 6 सीटों पर ही सिमट कर रह गई।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, पार्टी ने पांचवें फेज में अपनी कामयाबी के दायरे का विस्तार ही किया है। इसी वजह से इसे बीजेपी के सेफ जोन के तौर पर देखा जा रहा है। इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के डेटा के मुताबिक, जिस तरह से बीजेपी ने पांचवे चरण की सीटों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी। ठीक उसी तरह से कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे अपना जनाधार कमजोर करती गई है। साल 2009 में कांग्रेस पार्टी 49 सीटों में से केवल 14 सीटें जीतने में ही कामयाब हो सकी थी। वहीं, 2014 के लोकसभा इलेक्शन में पार्टी का ग्राफ बहुत तेजी के साथ में नीचे गिरा है। वह केवल दो सीटों पर ही सिमट कर रह गई। 2019 में तो पार्टी की हालत काफी खराब रही। कांग्रेस के खाते में केवल एक ही सीट आ पाई।
पिछले चुनावों में इस फेज में बीजेपी ने बनाई बढ़त
चुनाव आयोग के आकंड़ो पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण की जिन सीटों पर वोटिंग हो रही है। उनमें से करीब 13 सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई थी। वहीं, बिहार की पांच सीटों पर मतदान हो रहा है। इसमें से सभी सीटों पर एनडीए ने कब्जा कर लिया था। झारखंड की तीनों लोकसभा सीटों पर साल 2014 में सभी सीटें बीजेपी ने जीती।
महाराष्ट्र में 13 सीटों पर वोटिंग जारी है। इन सीटों पर भी पिछले चुनाव में एनडीए ने ही कब्जा किया था। अब बात बंगाल राज्य की करें तो आज वहां पर सात सीटों पर मतदान हो रहा है। पिछले चुनाव में टीएमसी के खाते में तीन सीटें गई थीं और बीजेपी चार सीटों पर बाजी मारने में कामयाब रही।
इसी तरह पश्चिम बंगाल की जिन सात सीटों पर आज मतदान चल रहा है, उनमें से चार सीटें तृणमूल कांग्रेस के हिस्से में आई। जबकि तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थीं। राजनीतिक जानकार त्रिपाठी कहते हैं कि ऐसे ही कारणों से भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार पांचवें चरण को अपने लिए मजबूत सुरक्षा कवच मानते हैं।
पांचवां फेज बीजेपी के लिए काफी मजबूत
राजनीति के जानकारों का कहना है कि पांचवें फेज की वोटिंग हो रही है। बीते दो चुनाव में यह फेज बीजेपी के लिए काफी मजबूत रहा है। हालांकि, हर एक चुनाव में स्थिति एक जैसी नहीं होती है। भारतीय जनता पार्टी इस बार अपने 10 साल के रिकॉर्ड का लेखा जोखा लेकर वोट मांगने के लिए जा रही है। अगर जनता उनके कामकाज को खरा पाती है तो बीजेपी फिर से पिछली बार के आकड़ों को दोहरा पाएगी। वहीं, विपक्षी दल भी मजबूती के साथ सियासी मैदान में टिके हुए हैं। अगर विपक्षी दलों के मुद्दों और दावों के आधार पर वोटिंग होती है तो विपक्षी दल भी अच्छी खासी बढ़त बना सकते हैं।