लोकसभा में सोमवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर चीन से मदद लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए न्यूज़ क्लिक मीडिया संस्थान का ज़िक्र किया और कहा कि यह संस्थान चीन से फंडिंग हासिल कर रहा है।
निशिकांत दुबे ने कहा कि 2005 से 2014 के बीच जब भी कोई संकट आया कांग्रेस को भी चीन से पैसा मिला है। उन्होंने कहा कि NYT रिपोर्ट में बताया गया है कि न्यूज़क्लिक को विदेशी फंडिंग से 38 करोड़ हासिल हुए हैं और यह पैसा कुछ पत्रकारों में बांट दिया गया है।
लोकसभा 2 बजे तक स्थगित किए जाने के बाद स्पीकर को लिखे पत्र में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने दुबे के आरोपों को अपमानजनक बताया और और मांग की कि भाजपा सांसद की टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा दिया जाए।
क्या है NewsClick? पहले भी पड़े हैं ED के छापे
न्यूज़ क्लिक एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है। ED के छापों के चलते पहले भी यह पोर्टल चर्चा में रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दो साल पहले ED ने बताया था कि न्यूजक्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल हुई है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स में चीनी प्रोपेगेंडा से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘चीन, कांग्रेस और न्यूज़क्लिक एक गर्भनाल का हिस्सा हैं।’
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में क्या है?
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट में न्यूज़क्लिक का नाम लिया है और आरोप लगाया है कि यह उस वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा था जिसे अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम की ओर से लगातार फंडिंग हासिल हुई है। नेविल रॉय सिंघम कथित तौर पर चीनी सरकार से जुड़ा हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट बताया कि नई दिल्ली में कॉर्पोरेट फाइलिंग से पता चलता है कि नेविल रॉय सिंघम के नेटवर्क ने एक समाचार साइट न्यूज़क्लिक को फंड दिया था। पोर्टल ने इसके एवज में अपनी कवरेज को चीनी सरकार के मुद्दों से जोड़ा था।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान साफ कहा कि न्यूज़ क्लिक भारत विरोध एजेंडे का हिस्सा है और इसके साथ कुछ पत्रकार भी जुड़े हैं।
जुलाई 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक कथित मामले में न्यूज़क्लिक के कार्यालय और उसके संपादकों के आवासों पर छापेमारी की थी। एक बयान में समाचार पोर्टल ने कहा था, “अगर ईडी और सरकार सच्चे हैं और कानून का पालन करते हैं तो कोई गलत काम नहीं पाया जाएगा, न्यूज़क्लिक के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।”
इसके बाद सितंबर में न्यूज़क्लिक सहित दो समाचार पोर्टलों के ऑफिस पर इनकम टेक्स सर्वे किया गया था। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सर्वे कथित कर चोरी से संबंधित थे। न्यूज़लॉन्ड्री और न्यूज़क्लिक दो संस्थानों में यह सर्वे हुए थे।