रामविलास पासवान के निधन के रामदास अठावले ही मोदी सरकार में एनडीए घटक दल से एकमात्र मंत्री बचे हैं। इससे पहले शिवसेना के अरविंद सावंत, अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल भी अपना अपना मंत्री पद छोड़ चुके हैं। गौरतलब है कि रामदास अठावले भी मोदी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री हैं। ऐसे में केन्द्र की एनडीए सरकार में घटक दलों से अब एक भी केन्द्रीय मंत्री नहीं है।
बता दें कि 2019 में दोबारा सत्ता में आयी मोदी सरकार में एनडीए के घटक दलों से अरविंद सावंत, हरसिमरत कौर बादल और रामविलास पासवान केन्द्रीय मंत्री बनाए गए थे लेकिन 2019 में शिवसेना ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था, जिसके बाद शिवसेना के अरविंद सावंत ने भी केन्द्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद हाल ही में नए कृषि कानून के विरोध में अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने भी केन्द्रीय मंत्री पद छोड़ दिया था।
रामविलास पासवान के निधन के साथ ही मोदी सरकार में एनडीए के घटक दलों का केन्द्रीय कैबिनेट में प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है। एनडीए के घटक दल जदयू ने अभी तक खुद को सरकार से दूर रखा है। ऐसे में अटकले लगायी जा रही हैं कि मोदी सरकार में जल्द ही कैबिनेट विस्तार हो सकता है।
मोदी सरकार ने जब दूसरे कार्यकाल की शपथ ली थी तो उनके पास 57 मंत्री थे, जिनमें से 24 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 24 राज्य मंत्री शामिल थे। अब सावंत, हरसिमरत कौर बादल के कैबिनेट मंत्री पद छोड़ने और रामविलास पासवान के निधन के बाद मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या घटकर 21 रह गई है। वहीं रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगाड़ी के बीते दिनों कोरोना से हुए निधन के बाद सरकार में राज्य मंत्रियों की संख्या भी घटकर 23 रह गई है।
मोदी सरकार पर कैबिनेट विस्तार का दबाव इस कदर है कि कई मंत्रियों पर काम का बोझ काफी ज्यादा है। केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास जहां चार मंत्रालय हैं, वहीं रविशंकर प्रसाद, डॉ. हर्षवर्धन, प्रह्लाद जोशी और प्रकाश जावड़ेकर तीन-तीन मंत्रालयों को संभाल रहे हैं। हाल ही में भाजपा संगठन में बदलाव हुए हैं, ऐसे में कुछ नेताओं को सरकार में जगह दिए जाने की चर्चाएं हैं।
