लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी सदस्य डेविड हेडली पहली बार सोमवार को मुंबई की एक अदालत के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाही में स्‍वीकार किया कि पाकिस्तान आर्मी के मेजर साजिद मीर ने ही उसे भारत जाने और रेकी करने को कहा था। उसी ने हेडली से अपना नाम बदलने को कहा था।  मुंबई में हुए आतंकी हमले (26/11) के आरोपी डेविड हेडली से ने बताया कि उसे आतंकियों का ‘लीडरशिप कोर्स’ कराया गया था। इस कोर्स में जकी-उर-रहमान लखवी और हाफिज सईद साहब ‘जिहाद’ पर लेक्‍चर दिया करते थे। सरकारी वकील उज्‍ज्‍व्‍ल निकम ने उससे पूछा कि उसकी नजर में जिहाद का क्‍या अर्थ है, तो उसका जवाब था- इस्‍लाम के दुश्‍मन के खिलाफ लड़ाई को जिहाद कहते हैं। उसके मुताबिक सईद भारत को इस्‍लाम का दुश्‍मन मानता है।

निकम ने कहा कि हेडली ने पूछताछ के दौरान जो खुलासे किए, उनसे वह संतुष्‍ट हैं। हेडली ने यह भी बताया कि उसे 2002-03 में पेशावर (पाकिस्‍तान) में गिरफ्तार किया गया था, क्‍योंकि वह कुछ तस्‍करों से मिला था। इन तस्‍करों से हथियार खरीद कर कश्‍मीर भेजा जाना था। हेडली ने अपनी गवाही में साफतौर पर कहा है कि हमले के पीछे पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था। जानिए उसने और क्‍या खुलासे किए हैं….

1- हेडली ने अपने बयान में कहा कि वह लश्‍कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के भाषणों से काफी प्रभावित था

2- लश्‍कर ऑपरेटिव साजिद मीर chalchalo@yahoo.com ई-मेल आईडी यूज कर रहा था

3- 26/11 जैसे हमले की दो बार कोशिशें नाकाम रही थीं, लेकिन तीसरी बार में जाकर मिली सफलता

4- मैं और रिटायर्ड मेजर अब्‍दुर रहमान पाशा अफ-पाक बॉर्डर पर गिरफ्तार हो गए थे, क्‍योंकि मैं विदेशी लगता था। पूछताछ के दौरान मैंने मेजर अली को बताया कि मैं भारत में बिजनेस करता हूं। उन्‍हें लगा कि मैं खुफिया सूचना देने में उनकी मदद कर सकता हूं

6- नया पासपोर्ट मिलने के बाद मैं 8 बार भारत आया था। इनमें 7 बार मुंबई गया था। पासपोर्ट बनाने में साजिद ने ही मदद की थी

7- साजिद ने मुझे मुंबई का सामान्य वीडियो बनाने को कहा था। और कई जगहों की रेकी कर जानकारी जुटाने को बोला था। मैं सात बार भारत सीधा पाकिस्तान से आया था और और एक बार यूएई से।

8- नया पासपोर्ट मिलने के बाद मैं 8 बार भारत आया था। इनमें 7 बार मुंबई गया था। पासपोर्ट बनाने में साजिद ने ही मदद की थी

9- हेडली- साजिद चाहता था कि मैं भारत में बिजनेस खड़ा करूं। मैंने अपना नाम बदला ताकि मैं भारत में एंट्री कर सकूं। मैं भारत में अमेरिकी नाम से प्रवेश करना चाहता था। मैंने नाम बदलने के कुछ हफ्ते बाद फिर से पाकिस्तान का दौरा किया था।

10- मैं लश्कर का अनुयायी था। भारत आने के पहले ही साजिद ने उसके मंसूबों के बारे में मुझे साफ कर दिया था।