ड्रग्स केस को लेकर चर्चा में रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े की परेशानी कम नहीं हो रही हैं। गौरतलब है कि बुधवार को महाराष्ट्र स्थित समीर वानखेड़े के एक होटल ‘सद्गुरु’ के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है। मालूम हो कि इस होटल में बार भी था। बता दें कि यह कार्रवाई ठाणे के जिला कलेक्टर ने की है।

क्या है समीर वानखेड़े पर आरोप: बता दें कि इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने पिछले साल अपनी एक शिकायत में कहा था कि वानखेड़े के पास एक परमिट रूम और एक रेस्तरां है। जिसके लिए 1997 में लाइसेंस प्राप्त किया गया था। जब वह नाबालिग थे। नवाब मलिक ने शिकायत में कहा था कि वानखेड़े 2008-बैच-आईआरएस अधिकारी हैं। ऐसे में सेवा नियम के खिलाफ उनके पास लाइसेंस है।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र का भी मामला: इससे पहले डीएम ने समीर वानखेड़े को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस मामले की जांच में जानकारी मिली है कि जिस वक्त समीर ने लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था उस दौरान उनकी उम्र 21 वर्ष से कम थी। इसलिए Sadguru Hotel & Bar के लाइसेंस को कैंसल किया जा रहा है। बता दें कि नवाब मलिक ने वानखेड़े पर सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमा करने का भी गंभीर आरोप लगाया था।

ड्रग्स केस में नाम: इससे पहले भी समीर वानखेड़े पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इससे पहले पिछले साल क्रूज ड्रग्स केस में किरण गोसावी के बॉडीगार्ड रहे प्रभाकर सैल ने दावा किया था कि फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये लेने की डील हुई थी। आरोप था कि यह डील 18 करोड़ में फाइनल हुई थी। इसमें से समीर वानखेड़े को 8 करोड़ रुपए मिलने थे।

इन तमाम आरोपों के चलते विवादों में आए समीर वानखेड़े को एनसीबी से हटाकर राजस्व खुफिया विभाग के अपने मूल निकाय में स्थानांतरित कर दिया गया है।