महाराष्ट्र के चर्चित किसान नेता और राज्यमंत्री (दर्जा प्राप्त) किशोर तिवारी ने अमित शाह को बीजेपी अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने आरएसएस को चिट्ठी लिखकर शाह जगह पार्टी की कमान नितिन गडकरी को सौंपनी की मांग की है। तिवारी ने संघ को लिखे पत्र में शीर्ष नेतृत्व को अहंकारी बताया। उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव की कमान नरेंद्र मोदी से छीनकर नितिन गडकरी के हाथों में सौंपने की बात कही है। तिवारी द्वारा आरएसएस को चिट्ठी लिखे जाने के बाद से बीजेपी पर विरोधी दलों के हमले तेज हो गए हैं। एनसीपी ने कहा कि वे पहले से ही मोदी और शाह की नीतियों पर बोलते आए हैं। लेकिन, अब धीरे-धीरे बीजेपी के ही नेताओं ने बोलना शुरू कर दिया है। वहीं, बीजेपी ने तिवारी की चिट्ठी और उनके बयानों को तवज्जो नहीं दिया है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और जनरल सेक्रेटरी भैयाजी जोशी को लिखे पत्र में किशोर तिवारी ने कहा है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के अहंकार का नतीजा है। शीर्ष नेतृत्व ने बिना सोचे समझे जीएसटी, नोटबंदी और तेल की कीमतों में इजाफे जैसे फैसले लिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तिवारी ने कहा कि यह समय आत्म-अवलोकन का है। बीते चुनावों में बीजेपी की हार का कारण सरकार विरोधी लहर या स्थानीय नेता नहीं बल्कि टॉप नेतृत्व का तानाशाही रवैया था।
किशोर तिवारी ने आरोप लगाए हैं कि बीजेपी नरेंद्र मोदी और शाह के नियंत्रण में है। ऐसे में पार्टी को लोकतांत्रिक नेता की जरूरत है। जो सभी कार्यकर्ताओं से बातचीत करे और उनके साथ मिलकर काम करे। इसके लिए नितिन गडरी सबसे उपयुक्त नेता है। उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नितिन गडकरी बीजेपी के लिए बेहतर साबित होंगे। क्योंकि, आगामी चुनाव को देखते हुए साथी दलों की जरूरत काफी अहम रहने वाली है और गडकरी ही इस स्थिति को सही से हैंडल कर सकते हैं।