मन में कुछ करने की ख्वाहिश हो और हौसले बुलंद हों तो कोई भी दुश्वारी आपकी राह में बाधा बनकर नहीं खड़ी हो सकती। वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। बिहार के साधारण से लड़के ने अपने सपनों की खातिर म मुंबई का रुख किया। तमाम मुश्किलें झेलीं लेकिन अपने उद्देश्य से कभी नहीं भटके। आज वो परिचय के मोहताज नहीं हैं।

अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता ग्लोबल बन चुकी है, यह कंपनी भारत के अलावा अफ्रीका, आयरलैंड और अस्ट्रेलिया समेत में कारोबार कर रही है। इस कंपनी में 65,000 से ज्यादा वर्कर्स काम करते हैं। फोर्ब्स के अनुसार, वर्तमान में अनिल अग्रवाल की अनुमानित संपत्ति 3.6 बिलियन डॉलर है।

लेकिन दिग्गज कारोबारी बनने की उनकी कहानी अुने आप में एक मिसाल है। अनिल अग्रवाल ने खुद अपनी स्टोरी सोशल मीडिया पर शेयर की है। 67 वर्षीय अनिल अग्रवाल ने अपने ट्वीट में उस दिन को याद किया जब वह बिहार छोड़कर मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने लिखा, ‘मुंबई में अपनी किस्मत आजमाने के लिए लाखों लोग आते हैं। वो भी उनमें से एक थे।

उन्होंने बताया है कि कुछ करने का सपना आंखों में लिए मुंबई आए थे। अनिल अग्रवाल जब मुंबई आए थे तब उनके पास कुछ नहीं था। केवल एक टिफिन बॉक्स, बिस्तर लेकर वो मुंबई के लिए निकल पड़े थे। लेकिन जब मुंबई पहुंचे तो भौचक रह गए। फिल्मों में जो कुछ उन्होंने देखा था वो उनके सामने था। पाली-काली टैक्सी के साथ बेस्ट की बस देख वो हैरान थे।

उनका कहना है कि युवाओं को सपने देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए पूरी शिद्दत से काम करना चाहिए। बाधाएं रास्ते में हर कदम पर आती हैं लेकिन जो उनकी परवाह किए बगैर अपने रास्ते पर बढ़ता जाता है वो ही विजेता बनता है।