केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों और एमएसपी की कानूनी गारंटी पर सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा रहने के बाद हजारों किसान बृहस्पतिवार को भी दिल्ली से लगी सीमाओं पर डटे हुए हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बन गई। इन सब के बीच कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस और भाजपा नेताओं में एक दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं।

किसानों के साथ दो मुद्दे पर सहमति को लेकर टीवी डिबेट में सीपीएम नेता सुनीत चोपड़ा ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि यह हमारी सरकार को समझ आ गई है कि किसान इस देश की रीढ़ की हड्डी है, अगर आप किसान को बर्वाद करेंगे तो ये देश दूट जाएगा। इस देश को किसान ने एकजुट रखा है। उन्होंने कहा कि हम सरकार के घुटनों पर आने से खुश हैं।

इस पर पैनलिस्ट में शामिल संगीत रागी ने कहा कि दरअसल अब तक ये जो काम 1947 से चीन के सहारे कर रहे थे। फिर दशकों तक सोवियत यूनियन को अपने साथ लेकर भारत को तोड़ने की कोशिश की। रागी ने कहा कि ये जो वामपंथ है उनकी मन की बात निकल गई है। अब वो एक्सपोज हो गए हैं। संगीत रागी ने कहा कि देश का हर युवक इस देश के लिए है।

देश अब तेजी से चल पड़ा है। वहीं, सुधांशु त्रिवेदी ने कहा गाहे बगाहे दिल आरजू मुंह पर आ जाती है। ये तो वामपंथियों का सोचा हुआ है। मैं जो कह रहा हूं उसे शब्दशः मत लीजिएगा लेकिन कहते हैं ना चोर चोरी से जाए हेराफेरी से ना जाए।