असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने ऐलान किया है कि सरकारी नौकरी के लिए सभी स्कूलों में दसवीं तक असमी भाषा पढ़ना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी स्कूलों में दसवीं तक असमी भाषा को अनिवार्य विषय बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकारी नौकरियों के लिए वहीं लोग पात्र होंगे जिन लोगों ने दसवीं तक असमी भाषा की पढ़ाई की होगी।
सरमा ने कहा कि तीन बराक वैली डिस्ट्रिक्ट और बोडोलैंड टेरिटोरियल ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट्स को छोड़कर अन्य सभी जगहों पर ये लागू होगा। बिस्व सरमा ने कहा कि सभी माध्यमों के स्कूलों में असामी भाषा को अनिवार्य बनाने के लिए कैबिनेट की तरफ से यह फैसला लिया गया है और बजट सत्र के दौरान विधानसभा पटल पर बिल रखा जाएगा।
इसके अलावा शरजील इमाम के विवादित बयान को लेकर उन्होंने इमाम पर निशाना साधा। सरमा ने कहा कि शरजील इस्लाम को एक ऑडियो क्लिप में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि राज्य को शेष भारत से काटा जाए और कड़ा सबक सिखाया जाए। सरमा ने कहा, असम सरकार ने इस राजद्रोह वाले बयान का संज्ञान लिया है और इस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने कहा, इस व्यक्ति ने बहुत सी गलत चीजें बोली हैं, जिसका लक्ष्य असम में कानून एवं व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करना है। हम इस व्यक्ति को अदालत में लाएंगे ताकि उसे कानून के मुताबिक सजा मिले। दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ 15 दिसंबर से महिलाएं और बच्चों समेत हजारों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।

