किसान आंदोलन के साथ जो नाम सबसे ज्यादा जुड़ा और चर्चित है, वह है राकेश टिकैत। धरने पर बैठे किसान राकेश टिकैत पर भरोसा जता रहे हैं। राकेश टिकैत कभी पुलिस कॉन्स्टेबल की नौकरी भी कर चुके हैं और चुनाव भी लड़ चुके हैं। वह अपने पिता की विरासत संभाल रहे हैं और वर्तमान में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर किसानों के लिए भावुक दिखने वाले राकेश टिकैत की आर्थिक स्थिति कैसी है।

साल 2014 में उन्होंने चुनाव लड़ा था और अपनी इनकम का ब्यौरा दिया था। वह कई बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 52 साल के टिकैत ने बताया था कि उनकी कुल संपत्ति 4 करोड़ 25 लाख रुपये थी और 10 लाख कर्ज था। 2012 से 13 में इनकम टैक्स रिटर्न अपनी कुल कमाई 2 लाख 83 हजार रुपये, पत्नी की कमाई 2 लाख 8 हजार रुपये और बच्चों की इनकम 3 लाख 4 हजार रुपये बताई थी।

उन्होंने बताया था कि 17 लाख कैश, बैंक में 8 लाख, इंश्योरेंस में 28 हजार का निवेश है। इसके अलावा गोल्ड और जूलरी में 9 लाख रुपये लगे हैं। उन्होंने बैंक से 10 लाख का कर्ज लिया है। ज़मीन की कीमत 3 करोड़ के आसपास है। पिता महेंद्र टिकैत की मौत के बाद बड़े भाई नरेश टिकैत को संगठन का अध्यक्ष बनाया गया। राकेश टिकैत उनके साथ ही काम कर रहे थे। उन्होंने 2007 में पहली बार निर्दलीय लोकसभा का चुनाव ल ड़ा। फिर 2014 में राष्ट्रीय लोकदल पार्टी से चुनाव लड़ा और हार गए। इसके बाद वह भाकियू के प्रवक्ता बनाए गए।

वह 44 बार जेल जा चुके हैं। उन्होंने संसद के बाहर गन्ना जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद उन्हें तिहाड़ भेज दिया गया था। वह जयपुर जेल भी जा चुके हैं।  राकेश टिकैत के पिता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के सामने राजीव गांधी की सरकार को भी झुकना पड़ा था। उस वक्त भी टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया था। मुद्दा सुलझाने के लिए 11 दौर का वार्ता हुई। पिता के गुर सीखकर राकेश टिकैत भी कई आंदोलनों का नेतृत्व कर चुके हैं। पिता के संघर्ष को देखते हुए टिकैत ने पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी और किसान संगठन में शामिल हो गए थे।