जम्मू कश्मीर पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ, जिनमें अधिकतर वकील हैं एफआईआर दर्ज की है और पुलिस समन भेजा है। वकीलों का आरोप है कि हाईकोर्ट के एक फैसले की आलोचना के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि बीते दिनों जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने 28 मई को दिए अपने आदेश में कश्मीर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां कय्यूम को पीएसए (Public Safety Act) के तहत हिरासत में रखने को सही करार दिया था।

यह फैसला जस्टिस अली मोहम्मद मागरे और जस्टिस विनोद चटर्जी की डिवीजन बेंच ने दिया था। टेलीग्राफ की खबर के अनुसार, बेंच ने कय्यूम को रिहाई से पहले उनकी राजनैतिक विचारधारा छोड़ने की भी शर्त रखी थी। कश्मीर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां कय्यूम को बीते साल अगस्त में हिरासत में लिया गया था।

खबर के अनुसार, होईकोर्ट के इस फैसले की जम्मू कश्मीर के अंदर और बाहर काफी आलोचना हुई थी। अब आरोप लगाया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस वकीलों को निशाना बना रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है।

बीते हफ्ते पुलिस ने हाईकोर्ट के फैसले की आलोचना करने पर आईपीसी की धारा 153ए और 505 के तहत ओपन एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि कोर्ट को बदनाम करने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए उसके फैसले की आलोचना की गई।

वहीं श्रीनगर के शहीदगंज पुलिस थाने के सब-डिवीजनल पुलिस अधिकारी शाहनवाज चौधरी ने बताया कि चार या पांच लोगों को समन जारी किए गए हैं लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस के पास करीब दर्जनभर लोगों की लिस्ट है, जिन्होंने हाईकोर्ट के फैसले की आलोचना की थी। इनमें अधिकतर वकील शामिल हैं।

शोपियां निवासी वकील हबील इकबाल का कहना है कि इससे पहले कभी नहीं हुआ कि कोर्ट के फैसले की आलोचना करने पर वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हो। वहीं कुछ वकीलों ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।