सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक व्यक्ति ने सीजेआई पर हमला करने की कोशिश की थी। सुबह के सत्र के दौरान शख्स ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया था। व्यक्ति को सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत अदालत कक्ष से बाहर निकाल दिया था। जिसके बाद बार काउंसिल ने इस मामले में आरोपी वकील राकेश किशोर को सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं, सीजेआई ने अदालत के अधिकारियों और अदालत कक्ष में मौजूद सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने और राकेश किशोर नामक दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ देने को कहा। आइए जानते हैं कौन है वकील राकेश किशोर जिसने सीजेआई गवई पर जूता फेंकने का किया प्रयास।

राकेश किशोर का जन्म 10 सितंबर, 1954 को हुआ था। 55 साल की उम्र में, उन्होंने 2009 में दिल्ली बार काउंसिल (BCD) में नामांकन कराया। वे मयूर विहार फेज 1 में रहते हैं। सोमवार की घटना के तुरंत बाद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने किशोर को निलंबित करने का आदेश दिया। बीसीआई ने उन्हें भारत की किसी भी अदालत, न्यायाधिकरण या प्राधिकरण में पेश होने, पैरवी करने या वकालत करने से भी रोक दिया है। राकेश को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह बताने को कहा गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न जारी रखी जाए। बीसीआई ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जाएगी।

जहां रहते हैं राकेश किशोर वहां के निवासियों ने उनके बारे में क्या कहा

जिस सोसाइटी में राकेश रहते हैं उसके निवासियों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह 6 साल पहले सोसाइटी के अध्यक्ष बने थे और हाल ही में कोई चुनाव नहीं हुआ है। सोसाइटी मेंबर्स ने दावा किया कि उन्होंने वकील के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई हैं जिसमें से एक शिकायत नवंबर 2021 में एक वरिष्ठ नागरिक पर कथित हमले से संबंधित थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस के अनुसार राकेश किशोर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राकेश ने वकील के तौर पर कम से कम दो याचिकाएं दायर की थीं। एक याचिका अगस्त 2021 में मयूर विहार फेज 1 स्थित रिवरव्यू अपार्टमेंट्स के तत्कालीन अध्यक्ष किशोर द्वारा सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सचिव के खिलाफ दिल्ली सहकारी न्यायाधिकरण के समक्ष दायर की गई थी। किशोर द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अन्य रिट याचिका दायर कर दिल्ली सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को एक बहुमंजिला परिसर के कुप्रबंधन के मामले में कार्रवाई शुरू करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

वकील ने पुलिस को क्या बताया?

पुलिस ने बताया कि राकेश किशोर की उम्र 71 साल है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मयूर विहार निवासी किशोर से उच्चतम न्यायालय परिसर में तीन घंटे तक पूछताछ की और बाद में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज न होने पर दोपहर दो बजे उन्हें छोड़ दिया। पुलिस ने उनके जूते भी उसे लौटा दिए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने वकील के पास से एक नोट बरामद किया है, जिसमें लिखा था ‘सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।’ सूत्रों ने बताया, “हमें यह भी पता चला कि राकेश के पास सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और शाहदरा बार एसोसिएशन का कार्ड था।

राकेश किशोर से पूछताछ के दौरान टीम ने उनसे इस हरकत के पीछे के मकसद के बारे में पूछा। वकील ने दावा किया कि वह मध्यप्रदेश के खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति की पुनर्स्थापना के अनुरोध वाली याचिका पर हाल में हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई की टिप्पणी से नाखुश था।”

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