संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों के पुलिस अधीक्षक को उनके सहयोगियों के साथ अगवा किए जाने की खबर फैलने के बाद जब उनके सुरक्षाकर्मी ने उनके मोबाइल नंबर पर फोन किया तो उन्हें जवाब में ‘सलाम वालेकुम’ शब्द सुनाई पड़ा। कर्मी ने जब कहा कि यह मोबाइल फोन एसपी सलविंदर सिंह का है तो फोन काट दिया गया। एसपी के फोन से की गई यह अंतिम बातचीत थी और माना जा रहा है कि पाकिस्तान फोन करने के लिए आतंकवादियों ने इस फोन का इस्तेमाल किया था।
एसपी के सुरक्षाकर्मी कुलविंदर सिंह ने कहा, ‘जब हम लोगों को घटना (एसपी को अगवा किए जाने) की खबर मिली तो मैंने एसपी साहब को फोन करने का प्रयास किया। सुबह तीन बजकर 26 मिनट पर फोन लगा। मैंने जब ‘हलो’ कहा तो दूसरी तरफ से जवाब आया ‘सलाम वालेकुम’।
तब मैंने पूछा कि ‘आप कौन’? तो फोन रिसीव करने वाले ने सवाल किया ‘आप कौन’? इसके बाद मैंने कहा कि यह मेरे एसपी साहब का नंबर है। फोन रिसीव करने वाले ने कहा, ‘एसपी साहब कौन’? इसके बाद उसने फोन काट दिया’। सिंह ने शनिवार को कहा, ‘मैं हलो हलो कहता रहा लेकिन फोन लाइन काट दिया गया’।
उन्होंने कहा, ‘एसपी साहब के नंबर पर किया गया यह आखिरी फोन था’। वे पिछले करीब पांच सालों से एसपी सलविंदर सिंह के सुरक्षाकर्मी हैं। एसपी के चालक राजपाल सिंह ने कहा ‘नियंत्रण कक्ष से घटना की जानकारी मिलने के बाद, मैंने भी एसपी साहब के दोनों मोबाइल नंबरों पर फोन करने का प्रयास किया लेकिन फोन नहीं लगा’।
शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने इस आशंका से इनकार नहीं किया था कि संदिग्ध आतंकवादियों ने पाकिस्तान फोन करने के लिए एसपी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया हो। सेना की वर्दी में संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एसपी और उनके दो सहयोगियों को अगवा करके उनके साथ मारपीट की। इसके बाद उन्हें कुछ दूरी पर छोड़कर वे फरार हो गए थे।
इसके साथ ही बताया गया कि पठानकोट में हमला करने वाले आतंकवादी अपने पाकिस्तानी आकाओं से नियमित संपर्क में थे और उन आकाओं ने इन आतंकवादियों के लिए पाकिस्तानी फोन नंबर का इस्तेमाल कर एक टैक्सी की व्यवस्था की थी। सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों ने शुक्रवार को पहले एक टोयोटा इनोवा वाहन का इस्तेमाल किया था और यह पता लगा है कि ड्राइवर को पाकिस्तानी मोबाइल फोन नंबर से कॉल किया गया था। सुरक्षा एजंसियां ड्राइवर से पूछताछ कर रही हैं और यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि क्या ड्राइवर उन पाकिस्तानी तस्करों को नियमित सेवाएं मुहैया करा रहा था जिनके तार आतंकवादियों से जुड़े हैं या ड्राइवर नहीं समझ पाया कि यह पाकिस्तानी फोन नंबर है। इनोवा के ड्राइवर को पठानकोट के पास एक खास स्थान पर बुलाया गया जहां आतंकवादी उस वाहन में सवार हुए।
सूत्रों ने कहा कि वाहन का उपयोग बिना कोलतार वाली एक सड़क पर यात्रा के लिए किया गया और रिम खराब होने के बाद इसे छोड़ दिया गया। उसके बाद आतंकवादियों ने एक महिंद्रा एसयूवी एक्स500 का अपहरण कर लिया जिसमें पंजाब पुलिस के एक अधीक्षक अपने एक ज्वेलर मित्र और रसोइया के साथ यात्रा कर रहे थे। एसपी और रसोइया को जबरन गाड़ी से उतार दिया गया और मित्र को बंधक बना लिया गया।
आतंकवादियों ने उनसे एक मोबाइल फोन भी छीन लिया और उस फोन से पाकिस्तान में उस नंबर पर फोन किया जिससे टोयोटा इनोवा के ड्राइवर को फोन किया गया था। इस नंबर से उन्होंने अपने आकाओं को तीन बार फोन किया था। इसके साथ ही अपने परिवार के एक सदस्य को भी एक बार फोन किया गया और कहा गया कि वे आत्मघाती मिशन पर हैं। सुरक्षा एजंसियों ने पता लगाया है कि पाकिस्तानी मोबाइल नंबर से आकाओं द्वारा आतंकवादियों को निर्देश दिए जा रहे थे। पाकिस्तानी नंबर निगरानी पर था। इसलिए सुरक्षा एजंसी आतंकवादियों के संभावित लक्ष्य का पता लगा सके और सेना के विशेष बल और एनएसजी के 160 कमांडो भेजे गए।