भारत ने 26 नवंबर 1949 को संविधान के मसौदे को अपनाया था। अगले साल 26 जनवरी 1950 को इसे देशभर में लागू किया गया था। तभी से इस दिन को गणतंत्र दिवस के नाम से मनाया जाता है। संविधान को किसी भी देश का आइना भी कहा जाता है। इसी से देश में शासन, प्रशासन और जनता को दिशा-निर्देश मिलता है। आइए जानते हैं देश के संविधान से जुड़ी कुछ रोचक बातें और तथ्य:
डॉ. अंबेडकर ने जताई थी एक चिंता: हम सब जानते हैं कि भारत का संविधान डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किया गया था। संविधान सभा में दिया गया उनका अंतिम भाषण काफी चर्चित रहा है, जिसमें उन्होंने कई तरह की आशंकाएं जताई थीं। डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, यदि वो लोग जिन्हें संविधान को अमल में लाने का काम सौंपा जाएगा खराब निकले तो निश्चित रूप से संविधान खराब सिद्ध होगा।
दूसरी तरफ अगर संविधान चाहे कितना भी खराब क्यों न हो यदि वो लोग जिन्हें संविधान को अमल में लाने का काम सौंपा जाएगा वो अगर अच्छे हुए तो संविधान अच्छा सिद्ध होगा। उन्होंने कहा था कि 26 जनवरी 1950 को भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र होगा लेकिन उसकी स्वतंत्रता का भविष्य क्या होगा? वो अपनी स्वतंत्रता बनाए रखेगा ये उसे फिर से खो देगा? मेरे मन में आने वाला यह पहला विचार है।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे संविधान सभा के अध्यक्ष: 26 नवंबर 1949 को देश ने भारतीय संविधान के मसौदे को स्वीकार किया था। पर इससे पहले संविधान निर्माण के लिए 9 दिसंबर, 1946 को पहली सभा संसद भवन में हुई थी। इसका निर्माण कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन में हुआ। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे और डॉ. भीमराव अंबेडकर कमेटी के चेयरमैन चुने गए थे।
संविधान बनने में लगा 2 साल 11 महीने और 18 दिन का वक्त: संविधान निर्माण के लिए पहली सभा संसद भवन में ही 9 दिसंबर, 1946 को बैठी थी। इसके निर्माण में कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा था। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया था जबकि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था।
हाथ से लिखी गई थी मूल कॉपी: आपको बता दें कि भारतीय संविधान की पहली कॉपी हाथ से लिखी गई थी। प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने इसे अपने हाथों से इटैलिक स्टाइल में लिखा था। इसको लिखने में कुल 254 पेन निब्स का इस्तेमाल करना पड़ा था और 6 महीने का वक्त लगा था। उस दौर में लिखित संविधान तैयार करने पर लगभग 6.3 करोड़ रुपये का खर्च आया था।
25 भाग, 448 धाराएं और.. भारत के संविधान को विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान माना गया है। इसमें कुल 25 भाग हैं, जिसके अंतर्गत 448 धाराएं और 12 अनुच्छेद हैं। संविधान के इंग्लिश संस्करण में आपको कुल 117,369 शब्द मिल जाएंगे।