पहलगाम आतंकी हमले के बाद TRF ने इसकी जिम्मेदारी ली थी लेकिन अब वह पलट गया है। भारत के एक्शन से आतंकी संगठनों में डर है और अब ये साफ दिख रहा है। बता दें कि TRF लश्कर का ही गुट है और सबसे पहले लश्कर ने ही घटना में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया था। इसके बाद अब TRF ने भी हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है।
TRF ने क्या कहा
TRF ने अपने एक पोस्ट में लिखा, “पहलगाम में हमले के तुरंत बाद हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म से झूठा मैसेज पोस्ट किया गया था। जांच के बाद पता चला कि यह साइबर अटैक की वजह से पोस्ट किया गया था। हम पता लगाने के लिए पूरी जांच कर रहे हैं।”
पहलगाम हमले के बाद लश्कर ए तैयबा के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह कसूरी का एक वीडियो सामने आया था। इसमें उसने आतंकी हमले से खुद को जिम्मेदार मानने से इंकार कर दिया था। उसने कहा था कि हम इस हमले की निंदा करते हैं और इसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है। सैफुल्लाह ने कहा था कि भारत की मीडिया और सरकार ने बिना प्रमाण हमें और पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा दिया और यह एक साजिश है।
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। आतंकियों ने धर्म पूछ कर लोगों को गोली मारी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई पीड़ितों ने बताया है कि धर्म पूछ कर आतंकियों ने गोली मारी है कई पीड़ितों ने बताया कि उनसे उनका धर्म पूछा गया और उसके बाद उनके करीबियों को गोली मारी गई।
CCS की बैठक में अहम फैसले
आतंकी हमले के बाद बुधवार को पीएम मोदी के आवास पर CCS की बैठक हुई। इसमें कड़े फैसले लिए गए। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु-जल संधि को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के नागरिकों को दिए जाने वाले वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं। साथ ही भारत में पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने और पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।