केंद्र सरकार के विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विरोध जताने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित 10 राजनीतिक दलों के सांसदों ने मंगलवार को संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च किया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में 100 से अधिक विपक्षी सांसदों ने आज भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला।
इस विरोध मार्च में जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी और तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी सहित अन्य पार्टियों के नेता भी शामिल थे।
विरोध मार्च में उनके साथ पत्रकार और पुलिसकर्मी भी थे. सभी सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और उन्हें किसान विरोधी बता रहे थे।
भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्षी सांसद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे. विपक्ष का कहना है कि आर्थिक विकास के नाम पर यह विधेयक किसानों के हितों को बुरी तरह प्रभावित करेगा।
समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और माकपा समेत करीब 10 राजनीतिक दलों के सांसदों और नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच निकले विरोध मार्च में भाग लिया। कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल भूमि अधिग्रहण विधेयक को किसान विरोधी और कॉपरेरेट समर्थक बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाये और कहा कि जब तक मोदी सरकार विधेयक में बदलाव नहीं करती, उनका विरोध जारी रहेगा. दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के सुरक्षाकर्मियों को बड़ी संख्या में इलाके में तैनात किया गया था। संसद से राष्ट्रपति भवन के मार्ग पर बैरिकेड भी लगाये गये थे।
लोकसभा पिछले हफ्ते भूमि अधिग्रहण विधेयक को मंजूरी दे चुकी है और उसकी असली परीक्षा अब राज्यसभा में है जहां वह अल्पमत में है।