बिहार में हाल ही में सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर आरजेडी से नाता तोड़कर बीजेपी का साथ पकड़ लिया। सरकार भी बना ली। आरजेडी ने उन पर धोखा देने का आरोप लगाया और विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान उनको सत्ता से बाहर करने की कोशिश की, लेकिन कई दिनों की ऊहापोह के बाद नीतीश सरकार ने सदन में विश्वास प्रस्ताव भी पास करा लिया। इधर, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का कहना है कि उनके दरवाजे बंद नहीं हैं। नीतीश के लिए दरवाजे खुले हुए हैं। वे जब चाहें आ सकते हैं।

पूर्व सीएम ने कहा- ‘…कोई कमी थोड़ी है कोई कमी नहीं है’

नीतीश कुमार को दोबारा मौका देने पर लालू प्रसाद यादव ने कहा, ‘अब आएंगे तो देखेंगे, खुला ही रहता है दरवाजा… कोई कमी थोड़ी है कोई कमी नहीं है…।’ एक दिन पहले ही बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार से लालू यादव बड़ी गर्मजोशी से मिले थे। इस दौरान दोनों नेता एक-दूसरे के काफी करीब दिखे थे।

तेजस्वी यादव भी बोले थे- ‘आपकी जब इच्छा हो आ जाइएगा’

विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार से कुछ ऐसा ही कहा था। जदयू नेता नीतीश कुमार के बार-बार गठबंधन बदलने पर उन्होंने उन पर तंज भी कसा था। साथ ही यह भी कहा था, “कोई दिक्कत नहीं है, आपकी जब इच्छा हो आ जाइएगा।”

आरजेडी नेता ने कहा- सीएम किसी को सुनना नहीं चाहते हैं

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को सासाराम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कहा कि वह किसी की बात नहीं सुनना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “आप सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे सीएम कैसे हैं, वह किसी की बात नहीं सुनना चाहते। वह कहते थे ‘मैं मर जाऊंगा, लेकिन बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा’… हमने तय किया कि हम नीतीश जी के साथ रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए।” हमें बहुत कुछ त्यागना होगा, 2024 में केवल बीजेपी को हराने के लिए… ‘हम लोगों ने एक थके हुए मुख्यमंत्री को नियुक्त किया है’…।”

उन्होंने कहा, “वो किसी की बात नहीं सुनना चाहते, लेकिन फिर भी हमारी सरकार महा गठबंधन की सरकार थी और हम एक बड़े लक्ष्य के साथ एक होना चाहते थे, हमें उन शक्तियों को रोकना है जो देश में जहर बोने का काम करते हैं।”

तेजस्वी यादव बोले- “इसलिए इस बार हम किसी भी कीमत पर, चाहे कितना भी सहना पड़े, चाहे कितना भी त्याग करना पड़े, हम नीतीश जी के साथ आए, ताकि 2024 में बीजेपी को हराया जाए। हम बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का काम करेंगे और हमने एक थके हुए मुख्यमंत्री को नियुक्त किया था।”