राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के कई किस्से काफी चर्चित रहे हैं। अपने बेबाक अंदाज के कारण लालू प्रसाद अपने विरोधियों के बीच भी लोकप्रिय रहे हैं। लालू प्रसास को लेकर कहा जाता है कि उन्हें बचपन में चोर सिपाही का खेल काफी पसंद था। वो चोर सिपाही के खेल को जमकर खेला करते थे। इस खेल में लालू प्रसाद स्वयं दारोगा बना करते थे।
बिहार की राजनीति में पिछले 3 दशक से लालू प्रसाद और उनका परिवार एक प्रमुख स्तंभ रहा है। लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी लगभग 15 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। अभी उनके पुत्र तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। लालू प्रसाद की पार्टी ने हाल ही में हुए बिहार विधानसभा के चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है। राजद को इस विधानसभा चुनाव में 75 सीटों पर जीत मिली थी।
जयप्रकाश के छात्र आंदोलन से राजनीति में कदम रखने वाले लालू प्रसाद ने कई बार अपने फैसलों से सबको चौका दिया। मंदिर आंदोलन के दौर में उन्होंने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर के अपने आपको एक धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में स्थापित कर लिया। बाद के दिनों में उन्होंने बिहार में यादव और मुस्लिम समीकरण के दम पर मजबूत राजनीतिक आधार बनाया।
चारा घोटाला: लालू प्रसाद की राजनीति पर सबसे बड़ा दाग चारा घोटाले में उनके नाम आने से लगा। लालू प्रसाद को चारा घोटाले के कई मामलों में सजा हो चुकी है। अदालत द्वारा सजा मिलने के बाद से लंबे समय से उन्हें जेल में रहना पड़ा है।
रेल मंत्री रहने के दौरान लालू प्रसाद ने कई बड़े फैसले लिए थे। उनसे दौर में रेलवे में कई बदलाव भी किए गए थे। 2015 में बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा था कि मैं जब रेल मंत्री था तो रेल उंचाई पर पहुंचा था। ये लोग आए तो क्या किया? उन्होंने कहा था कि हर मंत्री पर सीआईडी बिठाकर रखा हुआ है। लोकतंत्र पर ब्यूरोक्रेसी को बैठा दिया है।