बिहार विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद राजद के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है। रोहिणी आचार्य ने यह भी कहा है कि वह परिवार से नाता तोड़ रही हैं।

रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर परिवार और राजनीति को छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने यह भी कहा कि संजय यादव और रमीज के उनसे ऐसा करने के लिए कहा था। रोहिणी ने कहा है कि वह सारा दोष अपने ऊपर ले रही हैं। 

बिहार में मिली एनडीए को शानदार जीत

बिहार के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को करारा झटका लगा है। 243 सीटों वाली बिहार की विधानसभा में महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटों पर जीत मिली है जबकि एनडीए को 202 सीटें मिली हैं। बीजेपी को 89, जेडीयू को 85, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिली हैं।

महागठबंधन में शामिल आरजेडी को 25, कांग्रेस को 6, सीपीआई (एमएल) (एल) को 2, इंडियन इंक्लूसिव पार्टी और सीपीएम को 1-1 सीट पर जीत मिली है।

संजय यादव को लेकर शुरू हुई थी लड़ाई

यह साफ है कि बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद लालू परिवार में पर्दे के पीछे से चल रही लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। दरअसल, यह पूरी लड़ाई तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव को लेकर शुरू हुई थी। इस साल 18 सितंबर को रोहिणी आचार्य ने पटना के रहने वाले आलोक कुमार नाम के शख्स की एक फेसबुक पोस्ट को शेयर किया था।

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इस फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “फ्रंट सीट सदैव शीर्ष के नेता- नेतृत्वकर्त्ता के लिए चिन्हित होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए। वैसे अगर कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है !!

रोहिणी आचार्य ने इसके बाद एक और पोस्ट शेयर करके लिखा था, “मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी, मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।”

तेज प्रताप ने संजय यादव को बताया था जयचंद

कुछ महीने पहले ही लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। तेज प्रताप यादव कई बार संजय यादव पर निशाना साध चुके हैं। तेज प्रताप यादव संजय यादव का नाम लिए बिना उन्हें जयचंद बता चुके हैं।

सवाल यह है कि रोहिणी आचार्य के इस ऐलान के बाद क्या लालू परिवार में चल रहा घमासान और तेज होगा?

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