भाजपा के वरिष्ठ नेता गुरुवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थन में उतर आए जबकि कांग्रेस ने दो और दस्तावेज जारी करते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस्तीफा मांगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कोई भी ‘दागी’ नहीं है। पार्टी ने ब्रिटेन के आव्रजन के लिए ललित मोदी की अर्जी को मंजूर कराने के लिए वसुंधरा की ओर से की गई कथित पैरवी को साबित करने के लिए दिखाए जा रहे दस्तावेजों की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े किए। जेटली ने अमेरिका से स्वदेश लौटने पर दिल्ली हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि कोई भी दागी नहीं है।
एक अन्य वरिष्ठ मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ‘बहुत ईमानदारी और पारदर्शी’ तरीके से काम कर रही है और उन्होंने विवाद के लिए कुछ ‘नाखुश लोगों’ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जहां तक पार्टी की बात है तो सब कुछ सकारात्मक हो रहा है। भाजपा के सचिव श्रीकांत शर्मा ने आधारहीन आरोप लगाने के लिए कांगे्रस पर बरसते हुए कहा कि विपक्षी दल हताशा में यह कर रहा है।
कांग्रेस ने ललित मोदी मामले में भाजपा नेताओं पर कार्रवाई करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिचकिचाहट को लेकर सवाल उठाया और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की उस टिप्पणी के लिए आलोचना की कि राजग के कोई मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे।
कांग्रेस ने गुरुवार को दो दस्तावेज जारी किए-यूके बार्डर एजंसी को दिया गया ललित मोदी का कथित हस्ताक्षरयुक्त हलफनामा और वसुंधरा राजे के गवाह के तौर पर बयान जिसके बारे में पार्टी ने दावा किया कि उस पर उनके दस्तखत हैं। इसके साथ ही पार्टी ने अपने कई प्रवक्ताओं को मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए तैनात किया।
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान मोदी सरकार को घेरने के लिए वह इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों को भी एकजुट करने का प्रयास करेगी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने जोर दिया कि अब तक किसी भाजपा नेता ने इन दस्तावेजों की वैधता पर सवाल नहीं उठाया है।
पायलट ने पत्रकारों से कहा- प्रधानमंत्री इस पर कोई टिप्पणी करने से क्यों कतरा रहे हैं। इस चुप्पी का कारण क्या है। भाजपा कोई कार्रवाई करने से क्यों परहेज कर रही है। प्रधानमंत्री कोई कार्रवाई करने से क्यों हिचकिचा रहे हैं। यह सब भाजपा के दोहरे मानदंड को दर्शाता है। वह अपने नेताओं के लिए एक तरह का और दूसरे लोगों के लिए अलग तरह के सिद्धांत में विश्वास करती है।
पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान को लोकतंत्र का अपमान बताया कि कोई मंत्री इस्तीफा नहीं देगा। शर्मा ने कहा कि यह बयान कड़ी निंदा के लायक है। यह राजग सरकार के अहंकार, हठ और टकरावपूर्ण रवैए को दिखाता है।
वहीं आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और दागी मंत्रियों व नेताओं को बर्खास्त नहीं करने पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने की धमकी दी। आप ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के घर के बाहर प्रदर्शन किया।
पार्टी के नेता आशुतोष ने कहा कि प्रधानमंत्री ट्वीट करते रहते हैं। लेकिन इन मुद्दों पर क्यों चुप हैं। आज भाजपा के चार वरिष्ठ नेता सवालों के घेरे में हैं। सुषमा स्वराज एक समय प्रधानमंत्री पद की संभावित उम्मीदवार थीं, स्मृति ईरानी मोदी मंत्रिमंडल में वरिष्ठता के लिहाज से चौथे क्रम पर आती हैं, वसुंधरा राजे ने पिछले चुनाव में तीन-चौथाई बहुमत हासिल किया था जबकि पंकजा मुंडे मुख्यमंत्री (महाराष्ट्र) पद की दौड़ में थीं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को रिमोट से संचालित किया था उसी तरह झंडेवालान (दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यालय) और नागपुर (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय) प्रधानमंत्री मोदी को रिमोट से संचालित कर रहे हैं।
आप की दिल्ली इकाई के समन्वयक दिलीप पांडे ने कहा कि भाजपा ने अगर इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो पार्टी राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगी। फर्जी डिग्री मामले में दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी का बदला लेने की कोशिश करते हुए आप ने ‘फर्जी डिग्री’ को लेकर स्मृति ईरानी पर हमला किया। आप ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने तोमर मामले में जैसी तेजी दिखाई थी, वह अब क्यों नहीं दिखा रही। उन्होंने कहा कि राजे के मामले में उन्होंने एक भगोड़े की मदद की जो राजनीतिक शरण लेने की कोशिश कर रहा था। यह खुद में देशद्रोह का मामला है।