लक्षद्वीप के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता मोहम्मद फैजल को बड़ी राहत मिली है। लोकसभा सचिवालय ने मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी है। बुधवार (29 मार्च, 2023) को मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। उससे पहले ही लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल कर दी है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी के नेता मोहम्मद फैजल से सवाल किया, “कौन से मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है?” फैजल ने केरल हाई कोर्ट द्वारा हत्या के प्रयास के एक मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने के बावजूद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने वाली अधिसूचना वापस नहीं लेने के लिए लोकसभा सचिवालय के खिलाफ याचिका दायर की है।
जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने राकांपा नेता की ओर से पेश वकील से यह सवाल तब किया जब उन्होंने मामले का उल्लेख करते हुए इस पर बुधवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को राकांपा नेता मोहम्मद फैजल के वकील से पूछा, “वह कौन सा मौलिक अधिकार है जिसका उल्लंघन हुआ है?” वकील ने कहा कि राकांपा नेता का निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार छीना गया है।
उन्होंने कहा कि कार्रवाई पूरी तरह मनमानी है। पीठ ने उनसे पूछा कि उन्होंने हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया। इस पर वकील ने जवाब दिया कि मामला पहले से ही शीर्ष अदालत में लंबित है। इसके बाद पीठ बुधवार को मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गई। इससे पहले, लक्षद्वीप के पूर्व सांसद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा था कि दोषसिद्धि और सजा पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद व्यक्ति को सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया है।
लोकसभा सचिवालय द्वारा 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, कवारत्ती में एक सत्र अदालत द्वारा हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख 11 जनवरी से फैजल लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हैं। अधिवक्ता के आर शशिप्रभु के माध्यम से शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में फैजल ने कहा कि लोकसभा सचिवालय इस तथ्य के बावजूद अधिसूचना वापस लेने में असफल रहा कि हाईकोर्ट ने 25 जनवरी को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी।