लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) मंगलवार को जेल से बाहर आ गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिलने के बाद आशीष मिश्रा मंगलवार को जेल से रिहा हो गए। आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा टेनी केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री हैं। लखीमपुर हिंसा मामले में कुल 8 लोगों की जान गई थी, जिसमें चार किसान भी शामिल थे।
10 फरवरी को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मंजूर होने के बाद भी आशीष मिश्रा की रिहाई नहीं हो सकी थी। दरअसल, कोर्ट के आदेश में आशीष मिश्रा को IPC की धारा 147 148, 149, 307, 326 और 427 के साथ-साथ आर्म्स एक्ट की धारा 34 और 30 के तहत आरोपों में जमानत मिली थी। हालांकि, इसमें आईपीसी की धारा 302 और 120-बी का जिक्र नहीं था।
एक दिन पहले कोर्ट ने जमानती आदेश में 302 और 120-B की धाराओं को जोड़ने के आदेश दिए थे। ये दोनों धाराएं हत्या और आपराधिक साजिश से संबंधित हैं। वहीं, संशोधित बेल ऑर्डर के बाद आशीष मिश्रा के जेल से बाहर होने का रास्ता साफ हो गया। कोर्ट का आदेश जेल पहुंचा तो करीब 1 घंटे की कागजी कार्रवाई के बाद आशीष मिश्रा को जेल से रिहा किया गया।
इसके पहले, आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोर्ट ने दो बार तीन लाख रुपये की जमानत राशि की मांग की थी। साथ ही उन्होंने बताया कि आशीष के शहर से बाहर जाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी। बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को एसआईटी की 5000 पन्नों की चार्टशीट में मुख्य आरोपी बनाया गया है।
दूसरी तरफ, आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर होने के बाद से इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमाई हुई है। तमाम विपक्षी दल आशीष मिश्रा की रिहाई के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, तिकोनिया कांड में आशीष मिश्रा की रिहाई से आहत परिवार ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से से मुलाकात की और कहा कि वे जेल के बाहर धरने पर बैठेंगे। इसके बाद राकेश टिकैत ने कहा, “इन परिवारों के गुनहगार भी हम हैं। जब तक उनको इंसाफ नहीं मिलता जेल के बाहर धरने पर बैठेंगे, हम भी बैठ जाएंगे जेल के बाहर और क्या करेंगे।”