लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence) में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई। वहीं, शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी से जब बेटे को जमानत मिलने से जुड़ा सवाल किया गया तो वह कैमरे के सामने केवल मुस्कुराए और इसके अलावा कुछ बोले नहीं।
एनडीटीवी के मुताबिक, जब केंद्रीय मंत्री से उत्तर प्रदेश चुनाव के बीच में हत्या के आरोपी अपने बेटे की जमानत पर विपक्ष के हमलों का जवाब मांगा गया तो वह केवल मुस्कुराए, अपनी कार में बैठे और चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़े। फिलहाल, अजय मिश्रा लखीमपुर में बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे हैं। बेटे पर लगे गंभीर आरोपों के बाद अजय मिश्रा के इस्तीफे को लेकर लगातार मांग उठती रही है।
विपक्षी दलों ने भाजपा और केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर बार-बार घेरने की कोशिश की और अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग की। हालांकि, वह अपने पद पर बने हुए हैं। वहीं, आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर होने के बाद एक बार फिर विपक्ष भाजपा पर हमलावर हो गया है। सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि आशीष मिश्रा को केवल इसलिए जमानत मिल गई क्योंकि वह एक मंत्री के बेटे हैं। राजभर ने यह भी कहा था कि अजय मिश्रा टेनी के बेटे को तो जमानत मिल गई लेकिन किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को न्याय नहीं मिला।
लखीमपुर खीरी हिंसा में 8 लोगों की जान गई थी। जिसमें चार किसान, एक पत्रकार और बीजेपी के कार्यकर्ता शामिल थे। इस मामले में आशीष मिश्रा को एसआईटी चार्टशीट में मुख्य आरोपी बनाया है। इस मामले में सुनवाई पहले ही पूरी हो चुकी थी, जिसके बाद गुरुवार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर कर ली।
सुनवाई के दौरान जस्टिस राजीव सिंह की बेंच के समक्ष आशीष मिश्रा के वकील ने दलील दी थी कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है जिससे साबित हो कि कार के चालक ने मिश्रा के आदेश पर किसानों को कुचला था। ऐसा नहीं कहा जा सकता कि मिश्रा कथित प्रदर्शनकारियों की हत्या के लिए सीधे तौर पर उत्तरदायी हैं।