भारत और चीन की सेनाओं ने मंगलवार को करीब 12 घंटे की कमांडर स्तरीय वार्ता में प्राथमिकता के साथ जल्द, चरणबद्ध और क्रमिक तरीक से तनाव घटाने पर जोर दिया। सैन्य सूत्रों ने इस बारे में बताया है। पूर्वी लद्दाख में सात सप्ताह से दोनों सेनाओं के बीच बढ़े तनाव को खत्म करने के मकसद से कमांडर स्तरीय वार्ता हुई है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में हुई चर्चा से व्यक्त होता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव घटाने के लिए दोनों पक्ष प्रतिबद्ध हैं। आपसी सहमति योग्य समाधान पर पहुंचने के लिए सैन्य, कूटनीतिक स्तर पर और बैठकें होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है और इस संदर्भ में कयास आधारित, बिना प्रमाण वाली रिपोर्ट से परहेज करना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के चुशूल सेक्टर में एलएसी के भारतीय हिस्से में यह वार्ता हुई। बैठक दिन में 11 बजे शुरू हुई और करीब 12 घंटे तक चली। एक सूत्र ने बताया, ‘‘बैठक लंबी चली, कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मद्देनजर बिना समय गंवाए प्रभावी तरीके से बैठक हुई। वार्ता एलएसी पर तनाव घटाने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता को दिखाता है।’’
सीमा विवाद और फेसऑफ के मुद्दे को लेकर यह सीनियर मिलिट्री कमांडर स्तर की तीसरी बैठक थी। बैठक के दौरान कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल का पालन किया गया और प्रभावी तरीके से मीटिंग की गई। सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक स्तर पर और मीटिंग्स होने के आसार हैं ताकि इस मसले को शांति से सुलझाया जा सके और सीमा पर और विवाद ना बढ़े।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख में चीनी सेना के साथ सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को क्षेत्र का दौरा कर सकते हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लद्दाख यात्रा के दौरान सिंह सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर सकते हैं।
उधर भारत चीन सीमा विवाद के बीच चीन ने एलएसी पर अपनी सेना की तैनाती बढ़ा दी है। लद्दाख में वास्तवीक नियत्रंण रेखा (LAC) पर चीन ने 20 हजार जवानों को तैनात किया है। चीन की ओर से सेना के दो डिविजन की तैनाती भारतीय सीमा की तरफ की गई है।