दिल्ली में यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर नेताओं की बयानबाजी लगातार जारी हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के छह साल पुराने वीडियो को शेयर कर कवि कुमार विश्वास ने तंज कसा है। इसमें प्रदूषण के साथ पंजाब चुनाव की तैयारियों पर भी कटाक्ष किया। कहा “सचमुच बहुत ही ज़्यादा प्रदूषित है।”

ट्वीट में वे लिखते हैं, “भगीरथ जी स्वर्ग से गंगा, बादलों के जिस मार्ग से उतार कर लाए थे “लघुकाय-लंपट” जी,यमुना जी को उसी रास्ते दिल्ली ले आएं हैं, और वो भी “मुफ़्त” और हां, इस बार वायु-प्रदूषण की ज़िम्मेदारी हरियाणा के किसानों पर रहेगी, पंजाब वालों पर नहीं, क्यूंकि वहां कुछ महीनों में चुनाव हैं।”

वीडियो में सीएम अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि यमुना में बहुत प्रदूषण है। उसको हम बिल्कुल साफ करा देंगे। उन्होंने इसको अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा था कि “यमुना में बहुत ज्यादा सीवर जाकर गिरता है दिल्ली का और इंडस्ट्रियल वेस्ट गिरता है। उसको हमने सारा आइडेंटिफाइ कर लिया है और सारा प्लान किया है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगले पांच साल में यमुना को साफ करा दूंगा। आप सबको यमुना नहलवा दूंगा, मैं भी आपके साथ डुबकी लगाऊंगा यमुना में, इतना साफ कर दूंगा।”

इधर, छठ पूजा के मौके पर सोमवार को यमुना में जहरीले झाग के बीच श्रद्धालुओं के पूजा करने की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। छठ पूजा में हजारों महिलाएं नदी में पानी के बीच खड़ी होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इस दौरान सीवर के गंदे पानी से निकले झाग के साथ उन्हें काफी देर तक खड़े होने को विवश होना पड़ रहा है।

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने नदी की “दयनीय” स्थिति को छुपाने के लिए यमुना तट पर छठ पूजा की अनुमति नहीं दी, जबकि आप के गोपाल राय और राघव चड्ढा ने नदी में झाग के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों को दोषी ठहराया। विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से छोड़े जाने वाले सीवर के अशोधित पानी में फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट की उपस्थिति नदी में झाग का एक प्रमुख कारण है।

आप नेता और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने दावा किया कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश नजफगढ़ और शाहदरा नालों के माध्यम से नदी में एक दिन में लगभग 155 मिलियन गैलन अशोधित अपशिष्ट जल छोड़ रहे हैं। इसकी वजह से यमुना में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।