कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच उनके प्रदर्शन का असर कामकाज पर भी दिखाई देने लगा है। वहीं केंद्र सरकार ने डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने की अपील की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने शनिवार को डॉक्टरों के संगठन से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसको लेकर एक कमेटी गठित करने की बात कही है।

कमेटी देगी सुरक्षा पर ब्यौरा

यह कमेटी स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर सभी कदमों का ब्यौरा देगी। इस कमेटी में अलग-अलग प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा और राज्य सरकारों के भी प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। ये अपना सुझाव देंगे। मंत्रालय ने डॉक्टरों से अपील की कि वह डेंगू मलेरिया के बढ़ते मामलों के मद्देनजर काम पर वापस लौटें।

बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अपील पर देशभर के डॉक्टरों ने 24 घंटे का देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल शनिवार को सुबह 6 बजे शुरू हुई और रविवार को सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। इस दौरान आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर देश में सभी स्वास्थ्य सेवाएं बंद है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 26 राज्यों ने पहले ही स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए हैं। सरकार भी मामले को लेकर संवेदनशील है।

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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शनिवार को डॉक्टरों को अपनी हड़ताल खत्म करने और राज्य भर में काम पर लौटने का आदेश दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस राज मोहन सिंह की पीठ ने यह निर्देश नरसिंहपुर जिले के निवासी अंशुल तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया, जिन्होंने हड़ताल को चुनौती दी थी।

कोलकाता पुलिस कमिश्नर का बड़ा बयान

पुलिस कमिश्नर ने उन अफवाहों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि पुलिस ने पीड़िता के परिवार को सूचित किया था कि उसकी मौत आत्महत्या से हुई है और उसके शरीर में 150 ग्राम स्पर्म पाया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिकारी सीबीआई के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और जनता से जांच आगे बढ़ने पर एजेंसी और पुलिस पर भरोसा करने का आग्रह किया।