Kolkata Rape-Murder: कोलकाता रेप-मर्डर केस से देशभर में आक्रोश है और इस मामले की जांच सीबीआई के हाथ में है। कोलकाता की सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय की जमानत पर सुनवाई में देरी के लिए सीबीआई को फटकार लगाई। एजेंसी के वकील के आने में 40 मिनट की देरी के लिए जज ने कहा कि क्या उन्हें मुख्य आरोपी को जमानत देनी चाहिए। इतना ही नहीं जज ने कहा कि यह सीबीआई के सुस्त रवैये को दिखाता है।

शुक्रवार को जज पामेला गुप्ता ने सीबीआई के जांच अधिकारी और सरकारी वकील के टाइम पर पेश न होने पर नाराजगी जाहिर की। इसकी वजह से सुनवाई करने में देरी हुई। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सीबीआई की देरी के कारण आरोपी संजय रॉय को जमानत दी जानी चाहिए। जज ने कहा कि पीपी और आईओ कहा हैं। क्या मुझे जमानत दे देनी चाहिए।

संजय रॉय के वकील ने जमानत के लिए अपनी दलीलें दीं। रॉय की तरफ से पेश हुईं वकील कविता सरकार ने कहा कि सीबीआई ने उसके खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं किए हैं। सीबीआई के वकील देरी से पहुंचे और उन्होंने कहा कि अगर उसे छोड़ दिया जाए तो जांच में अड़चन पैदा हो सकती है। इसके बाद दोनों पक्षों की बहस जारी रही और उनकी बात सुनने के बाद में संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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टीएमसी ने दी प्रतिक्रिया

कोर्ट में सीबीआई के वकील के देरी से पहुंचने पर टीएमसी ने भी प्रतिक्रिया दी है। तृणमूल कांग्रेस की नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि कोर्ट नाराज हो गया, जज इंतजार करती रहीं और फिर भी कोई नहीं आया। हम पूछना चाहते हैं कि क्या हुआ। विपक्ष इस पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा है। सीबीआई को जांच का जिम्मा संभाले 24 दिन और 570 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है, नतीजा क्या रहा। पूरा देश पूछ रहा है। इससे पता चलता है कि सीबीआई मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में क्या हुआ

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर के साथ में अस्पताल के सेमिनार हॉल में रेप किया गया और उसकी हत्या भी कर दी गई। 9 अगस्त को उसका शव मिला था। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय सुबह 3 से 5 बजे के बीच बताया गया है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि उसकी गला दबाकर हत्या करने से पहले उस पर कई चोटें पहुंचाई गई थीं।