केरल हाईकोर्ट ने गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर अपमानजनक सामग्री दिखाने और केंद्र सरकार की आलोचना करने पर अपने दो अधिकारियों को सेवा से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इस घटना की हाई लेवल इन्क्वायरी भी शुरू कर दी गई है। आरोपी अधिकारियों में एक सहायक रजिस्ट्रार (हाई ग्रेड) और दूसरा कोर्ट कीपर (हाई ग्रेड) शामिल हैं। गणतंत्र दिवस पर हाईकोर्ट के ऑडिटोरियम में स्टेज शो प्रोग्राम हुआ था।

आरोपी अफसरों से पहचान पत्र भी वापस करने को कहा

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा, “दोनों अधिकारी अपने पास मौजूद सभी सरकारी सामानों को वापस कर दें, जिसमें उन्हें जारी किया गया पहचान पत्र भी शामिल है।” इस मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्रार (विजिलेंस) को इसकी पूरी जांच करके जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इसके अलावा उस हालात को भी बताने को कहा गया है, जिसमें यह घटना हुई।

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेच के एक आदेश का स्वत: संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की संविधान पीठ शनिवार को इस पर सुनवाई करने वाली है। एकल पीठ के आदेश में पश्चिम बंगाल में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस उम्मीदवारों के दाखिले में कथित अनियमितताओं को लेकर खंडपीठ के आदेश को ‘अवैध’ बताया गया था।

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मामले की सीबीआई से जांच के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी। कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की सिंगल जज बेंच ने गुरुवार को कहा था कि जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस उदय कुमार की बेंच से पारित आदेश पूरी तरह से अवैध है और इसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए।

एक अन्य मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति’ (DSGPC) के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जी को कथित रूप से बदनाम करने की आपराधिक शिकायत पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि वह पहले ही सिरसा को जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी कर चुकी है और कार्यवाही रोकने का कोई कारण नहीं है।