Loksabha By-Polls: राज्यसभा चुनाव के परिणाम देर रात आ चुके हैं अब सियासी दलों की निगाहें देश में होने वाले उपचुनावों पर हैं। उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट पर भी आजम खान के इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव होने हैं। बीजेपी ने इस सीट से घनश्याम लोधी को मैदान में उतारा है। वहीं पहले इस सीट से बीजेपी के मुस्लिम फेस मुख्तार अब्बास नकवी को उतारे जाने की चर्चाएं चल रहीं थी। एबीपी को दिए गए इंटरव्यू में जब मुख्तार अब्बास नकवी से जब इस पर सवाल किया गया तो नकवी ने शायराना अंदाज में जवाब दिया।

दरअसल जब एबीपी के एंकर सुमित अवस्थी ने नकवी से पूछा,आपको रामपुर लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ने के लिए बात कही जा रही थी, शायद इसी वजह से आपको राज्यसभा नहीं भेजा गया। अब तो उम्मीदवार का ऐलान भी हो गया और चुनाव प्रचार भी शुरू हो गए तो क्या आप चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में नकवी ने शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा, “सितारों के आगे जहां और भी हैं अभी वक्त के इम्तिहां और भी हैं। “

कांग्रेस नेता काजिम अली करेंगे बीजेपी को समर्थन
आपको बता दें कि आगामी 23 जून को देश में कई लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इन चुनावों के परिणाम 26 जून को आ जाएंगे। 23 जून को होने वाले सबसे ज्यादा चर्चित सीटों में से है रामपुर लोकसभा सीट। बीजेपी ने इस उपचुनाव में घनश्याम लोधी पर दांव लगाया है। रामपुर लोकसभा सीट का चुनाव साल 2019 में आजम खान ने बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा को हराकर जीता था। वहीं इस बार के उपचुनाव में अपनी कांग्रेस ने कैंडिडेट नहीं उतारने का फैसला किया है। कांग्रेस के इस फैसले से नाराज का कांग्रेस ने नवाब काजिम अली खान ने बीजेपी के समर्थन की बात कही है और इस बात के लिए प्रियंका गांधी से माफी भी मांगी है।

समाजवादी पार्टी से आसिम रजा मैदान में
रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए सपा ने आसिम रजा को टिकट दिया है। आसिम रजा के सामने भारतीय जनता पार्टी ने घनश्याम लोधी को मैदान में उतारा है। सपा ने इस बार कैंडिडेट का निर्णय आजम खां के हाथों में दे दिया था। आपको बता दें कि इसके पहले दिल्ली में आजम खां और अखिलेश के बीच हुई मुलाकात के बाद से रामपुर सीट लगातार सुर्खियों में बनी हुई थी। सियासी गलियारों में इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि यहां से आजम खान के परिवार से कोई सदस्य यहां से चुनाव लड़ेगा।

जानिए रामपुर लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1952 में जब पहली बार लोकसभा के चुनाव हुए थे तब यहां से कांग्रेस नेता डॉ. अबुल कलाम आजाद ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद से साल 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। साल 1977 में एक बार भारतीय लोकदल के प्रत्याशी को यहां से जीत हासिल हुई लेकिन अगले चुनाव में फिर यहां से कांग्रेस का दबदबा बन गया। कांग्रेस के जुल्फिकाल अली खान ने यहां से जीत की हैट्रिक लगाई वो कुल 5 बार इस सीट से सांसद रहे। साल 1991 में बीजेपी ने पहली बार यहां से जीत का खाता खोला। 1998 में मुख्तार अब्बास नकवी यहां से जीते थे। इसके बाद सपा के टिकट पर बॉलीवुड एक्ट्रेस जयाप्रदा ने यहां से लगातार दो बार 2004 और 2009 में चुनाव जीते। जबकि 2014 में बीजेपी के नेपाल सिंह ने कड़ी टक्कर के बाद जीत हासिल की थी। साल 2019 में बीजेपी ने इस सीट से जया प्रदा को उतारा था लेकिन उन्हें आजम खां के सामने शिकस्त खानी पड़ी।

सालविजेता पार्टीहारी हुई पार्टी
2019आजम खान(सपा)जया प्रदा (बीजेपी)
2014नेपाल सिंह (बीजेपी)नसीर अहमद खान (सपा)
2009जया प्रदा (बीजेपी)बेगम नूर बानो (कांग्रेस)
2005जया प्रदा (बीजेपी)बेगम नूर बानो (कांग्रेस)
1999बेगम नूर बानो (कांग्रेस)मुख्तार अब्बास नकवी (भाजपा)
1998मुख्तार अब्बास नकवी (भाजपा)बेगम नूर बानो (कांग्रेस)
1996बेगम नूर बानो (कांग्रेस)राजेन्द्र शर्मा (बीजेपी)
1991राजेन्द्र शर्मा (बीजेपी)जुल्फीकार अली खान (कांग्रेस)
1989जुल्फीकार अली खान (कांग्रेस)राजेन्द्र शर्मा (बीजेपी)
1984जुल्फीकार अली खान (कांग्रेस)राजेन्द्र शर्मा (बीजेपी)
जुल्फीकार अली खान (कांग्रेस)