लखनऊ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे नारायण दत्त तिवारी का गुरुवार (18 अक्टूबर) को निधन हो गया। वह 93 साल के थे और करीब साल भर से अस्पताल में थे। तिवारी इकलौते ऐसे नेता रहे, जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री थे। पहले वह उत्तर प्रदेश के सीएम बने, फिर जब उत्तराखंड राज्य बना तो वहां भी उन्होंने सीएम का पद संभाला। आपको बता दें कि चाय पीते वक्त बीते साल वह दिल्ली स्थित आवास पर गिरकर बेहोश हो गए थे, जिसके बाद से दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था।
कौन थे एनडी तिवारीः उनका जन्म उत्तराखंड के नैनीताल जिले (तब ब्रिटिश इंडिया में यूनाइटेड प्रोविंस के बलूती) में 18 अक्टूबर 1925 को कुमाऊंनी परिवार में हुआ था। पिता का नाम पूर्णानंद तिवारी था, जो कि वन विभाग में अधिकारी थे। शुरुआती पढ़ाई हलद्वानी और नैनीताल में करने के बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए और बाद में एलएलबी किया।

कैसा रहा राजनीतिक कद?: तिवारी ने 1963 में पहली बार कांग्रेस ज्वॉइन की। वह 1976 में पहली बार यूपी के सीएम बने। उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता था। कहा जाता है कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी की मदद से ही वह वीर बहादुर सिंह को पद से हटाकर यूपी के सीएम बने थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी का निधन, यूपी-उत्तराखंड के रह चुके थे CM

यूपी में दूसरी पारी: 1984 में तिवारी को यूपी में बतौर सीएम दूसरी पार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। जब वह सत्ता में थे तो उन्होंने राज्य विधानसभा चुनावों में यूपी में कांग्रेस को भारी जीत दिलाई। उसी साल इंदिरा की हत्या के बाद देश भर में चुनाव भी हुए थे और राजीव गांधी ने जीत दर्ज की थी।
तीसरी बार बने थे यूपी के सीएम: इस बीच, 1988 में वह यूपी में तीसरी बार सीएम बने। हालांकि, उनके सीएम बनने के बाद 1889 में कांग्रेस की बड़ी हार हुई थी। उसके बाद से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सत्ता में नहीं आ पाई है। राजीव गांधी की सरकार में उन्होंने केंद्रीय मंत्री की भूमिका निभाई थी।

2002 में बने उत्तराखंड के सीएम: 2002 में तिवारी उत्तराखंड के सीएम बने। उत्तराखंड में पांच साल तक सीएम बने रहने वाले पहले व्यक्ति थे।
गवर्नर रहते हुए था विवाद: एनडी तिवारी 2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के गवर्नर भी रहे थे। हालांकि, तीन महिलाओं द्वारा राजभवन में आपत्तिजनक अवस्था में तस्वीर आने के बाद स्वास्थ्य कारणों से इन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

