भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय चुनाव आयोग से पहले ही कर्नाटक विधान सभा चुनाव की तारीख ट्वीट कर विवादों में फंस गए हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब मालवीय अपने उल्टे-पुल्टे ट्वीट्स की वजह से सुर्खियों में आए हों। इससे पहले भी वो कई बार विरोधियों के निशाने पर रहे हैं। इस बार उन्होंने गलती का एहसास करते ही फौरन अपने ट्वीट डिलीट कर दिए हैं। बता दें कि मालवीय ने पिछले साल पंजाब चुनावों से पहले एक ट्वीट कर राहुल गांधी को घेरने की कोशिश की थी लेकिन उनके दांव उल्टे पड़ गए थे। उस वक्त अमित मालवीय ने डेरा सच्चा सौदा समिति के प्रमुख राम रहीम गुरमीत से राहुल गांधी के रिश्तों को उजागर किया था और एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी लेकिन उनका दांव उल्टा पड़ा गया क्योंकि यह तस्वीर डेरा सच्चा सौदा नहीं बल्कि दूसरे डेरा प्रमुख के साथ राहुल गांधी की थी। मालवीय का यह ट्वीट राम रहीम से बीजेपी की निकटता के बाद पलटवार के तौर पर आया था।
बता दें कि पिछले साल हफिंगटन पोस्ट ने एक आलेख में इन्ही कारगुजारियों की वजह से अमित मालवीय को बीजेपी के लिए बोझ करार दिया था। अमित मालवीय उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले हैं। उन्होंने आगरा के दयालबाग एजुकेशनल इन्स्टीट्यूट से बैचलर इन बिजनेस मैनेजमेंट (बीबीएम) किया इसके बाद पुणे के सिम्बायोसिस इन्स्टीट्यूट से साल 2000 में पीजीडीएम इन फाइनान्स किया। कोर्स पूरा करने के बाद मालवीय ने आईसीआईसीआई बैंक में बतौर असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी पकड़ ली। उन्होंने मुंबई में इस पद पर एक साल 4 महीने गुजारे। इसके बाद अक्टूबर 2001 में कैलोन में बिजनेस एनालिस्ट के तौर पर ज्वाइन किया। साल 2003 में इन्होंने लंबी छलांग लगाते हुए एचएसबीसी बैंक में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट की नौकरी पकड़ ली। वहां सात साल तक रहे। साल 2010 के जुलाई में मालवीय बैंक ऑफ अमेरिका में वाइस प्रेसिडेन्ट बनाए गए। यहां उन्होंने करीब दो साल तक नौकरी की।
कहा जाता है कि मालवीय का बीजेपी से ताल्लुक भी करीब एक दशक पुराना है। साल 2009 में उन्होंने समाज के बुद्धिजीवियों को जोड़ने के लिए फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी नाम से एक फोरम लॉन्च किया था। लोगों से कहा गया था कि http://www.friendsofbjp.org. पर लॉग इन करके ग्रुप को ज्वाइन करें। इसकी सफलता के बाद मालवीय ने लखनऊ में एक सभा की थी। कहा जाता है कि मुंबई में नौकरी करने के दौरान ही मालवीय ने पीयूष गोयल को अपनी कार्यशैली और आधुनिक तकनीक का आमजीवन में उपयोग बताकर प्रभावित किया था। बाद में उन्हें बीजेपी आईटी सेल का प्रभारी बना दिया गया।
मालवीय पर अपने कई ट्वीट्स में आधी सच्चाई और आधा अफवाह फैलाने का आरोप लगता रहा है। पिछले साल ही उन्होंने एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार का एक भाषण ट्विटर पर शेयर किया था। रवीश के 10 मिनट के भाषण में से सिर्फ 11 सेकेंड का स्पीच निकालकर उन्होंने रवीश पर तंज कसा था कि पत्रकार की कौन सी पार्टी होती है? इसके अलावा मालवीय ने गलत फोटो टैग कर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा था। उन्होंने देहरादून में महिला शिक्षकों के साथ हुई बदसलूकी की तस्वीर साझा कर उसे दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर हुई ऐसी घटना बताया था। बाद में उसकी पोल खुली तो लोगों ने अमित मालवीय की निंदा की थी।