रफ्तार और रोमांच से भरे सफर के लिए एक नयी-नयी स्मार्ट सड़क ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे आपका इंतजार कर रही है। जी हां मोदी सरकार इस सड़क को स्मार्ट हाई वे बता रही है। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक इस सड़क की खूबियां और खूबसूरती इसे स्मार्ट बनाती है। सबसे पहले तो बता दें कि ये सड़क हरियाणा के कुंडली से शुरू होती है और पलवल तक जाती है। 135 किलोमीटर इस लंबी सड़क के रास्ते में 6 लोकसभा क्षेत्र पड़ते हैं। इनके नाम हैं- सोनीपत, बागपत, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और पलवल। 11,000 करोड़ रुपये की लागत से बनी ये सड़क उन चुनिंदा सरकारी प्रोजेक्ट में शामिल है, जो समय से पहले ही पूरी हुई है। इस प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड 17 महीने के समय में पूरा किया गया है। पीएम मोदी ने नवबंर 2015 को इस सड़क की आधारशिला रखी थी।
अब हम आपको बताते हैं कि सरकार इसे स्मार्ट हाईवे क्यों बता रही है। ये भारत की पहली सड़क है जिसे सौर ऊर्जा से रोशन किया गया है। इस एक्सप्रेस वे पर आठ सोलर प्लांट लगाये गये हैं, इस पर मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। सड़क में वर्षा जल संचयन की व्यवस्था हर 500 मीटर पर दोनों ओर गई है। दिल्ली में आपकी कार अगर 60 की स्पीड पर रेंग रही है तो आप यहां 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार का आनंद उठा सकते हैं। सरकार ने इसकी अनुमति दी है।
#PragtiKaHighway pic.twitter.com/hHiVgrLpJA
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) May 25, 2018
सरकार का दावा है कि इस सड़क को इको फ्रेंडली बनाने की पूरी कोशिश की गई है। हाई वे पर 2.5 लाख पेड़ लगाये गये हैं। सड़क के दोनों किनारों पर 2.5 मीटर चौड़ी साइकिल ट्रैक भी बनाई गई है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी का कहना है कि इस हाई वे र स्मार्ट एंड इंटेलीजेंट हाईवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया है। इसके अलावा वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम भी इंस्टॉल किया गया है। इनकी बदौलत स्मूथ ट्रैफिक मैनेजमेंट में मदद मिलेगी।
अब मात्र 45 मिनट में दिल्ली से मेरठ पहुँचने का सपना होगा साकार। प्रधानमंत्री श्री @narendramodi भारत का पहला 14 लेन का दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे 27 मई को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। #PragatiKaHighway pic.twitter.com/MrgvdvvRBX
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) May 24, 2018
इस एक्सप्रेस वे की वजह से दिल्ली को ट्रैफिक जाम से जबर्दस्त राहत मिलने वाली है। इस सड़क का इस्तेमाल कर जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जाने वाली करीब-करीब 50 हजार गाड़ियां बिना दिल्ली आए अपने गंतव्य पर जा सकेंगी। इस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद से पलवल के बीच सिग्नल फ्री कनेक्टिीविटी देगा इससे राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक कम होगा। एक अनुमान के मुताबिक इस सड़क पर 2 लाख गाड़ियां बिना दिल्ली में प्रवेश किये गुजरेंगी। यहां पर टोल कलेक्शन को आसान बनाने के लिए इलेक्ट्रानिक टोल क्लेक्शन की व्यवस्था की गई है। आपके सफर को मनोरंजक बनाने के लिए इस सड़क पर 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रर्दिशत किया गया है साथ ही इसमें बीच-बीच में 40 पानी के झरने बने हैं।

