भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार और यशवंत सिन्हा ने सांसद कीर्ति आजाद के निलंबन और पार्टी नेतृत्व से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए यहां मुलाकात की, पर यह भी तय किया कि फिलहाल इस मसले पर वे कुछ नहीं बोलेंगे व भावी रणनीति सोच समझ कर बनाएंगे। उधर, कीर्ति आजाद ने मुरली मनोहर जोशी से मिलने के लिए समय मांगा है। मुरली मनोहर जोशी के 6-रायसीना रोड स्थित घर पर दोपहर में हुई इस बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, शांता कुमार,यशवंत सिन्हा ने पार्टी की मौजूदा हालत पर विचार किया। उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि वे अपने मुद्दों को सही समय और मंच पर उठाएंगे। पिछली बार उन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ एक सख्त बयान जारी किया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला करने के बाद कीर्ति आजाद को भाजपा से निलंबित किए जाने का मुद्दा चर्चा के लिए आया था, एक दिग्गज नेता ने कहा कि बैठक की पृष्ठभूमि को देखते हुए यह तो स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने हालांकि कोई विस्तृत ब्योरा देने से इनकार कर दिया। दूसरे बुजुर्ग नेता ने मुस्कुराते हुए कहा कि नए साल में गरमा-गरम खबरें मिलेंगी। थोड़ा इंतजार तो करिए। शांता कुमार ने कहा-हम मिले। हमने चाय पी। उन्होंने इस बारे में और कुछ बताने से इनकार कर दिया।

कीर्ति आजाद ने मार्गदर्शक मंडल से हस्तक्षेप की मांग की थी। मार्गदर्शक मंडल में आडवाणी, जोशी, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह शामिल हैं। मार्गदर्शक मंडल की स्थापना भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी का प्रभार संभालने के बाद की थी। गठन के बाद से इसकी बैठक नहीं हुई है। दीपावली से पहले चारों नेताओं ने कड़ा बयान देते हुए कहा था कि पिछले एक साल में पार्टी प्रभावहीन हो गई है और उन्होंने बिहार चुनाव में उसकी करारी हार की जवाबदेही की मांग की।

भाजपा ने बुधवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए कीर्ति आजाद को पार्टी से निलंबित कर दिया था जो डीडीसीए में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अरुण जेटली के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करते रहे हैं। उनको पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और पार्टी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस और आप के साथ साठगांठ करने का आरोप लगाते हुए निलंबित किया गया है। भाजपा के संसदीय बोर्ड ने आजाद को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का यह कदम जेटली पर हमला बोलने वाले उनके संवाददाता सम्मेलन के तीन दिन बाद और फिर संसद के अंदर और बाहर भी इस तरह की बात करने के बाद उठाया।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पार्टी से कीर्ति आजाद के निलंबन पर गुरुवार को सवाल खड़े किए और पूछा कि क्या क्रिकेट पार्टी के अनुशासन के दायरे में आता है। आजाद ने डीडीसीए विवाद में वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा था। स्वामी ने ट्विटर पर कहा-कीर्ति के मुद्दे हैं- पहला, क्या क्रिकेट का मामला पार्टी अनुशासन के दायरे में आता है और दूसरा, सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआइ पर चल रहे मामले के कारण क्या पार्टी का निर्णय अदालत में बदले जाने योग्य है।

हालांकि भाजपा ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि पार्टी ने हमेशा उनके सुझावों का स्वागत किया है। पार्टी सचिव श्रीकांत शर्मा ने बैठक के बारे में पूछे जाने पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वे हमारे वरिष्ठ हैं। उनके नेतृत्व में ही हम यहां तक पहुंचे हैं। पार्टी ने हमेशा उनके सुझावों का स्वागत किया है। उनके आशीर्वाद और कार्यों से ही पार्टी यहां पहुंची है।

मौजूदा हालात पर विचार: मुरली मनोहर जोशी के 6-रायसीना रोड स्थित घर पर दोपहर में हुई इस बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, शांता कुमार,यशवंत सिन्हा ने पार्टी की मौजूदा हालत पर विचार किया। उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि वे अपने मुद्दों को सही समय और मंच पर उठाएंगे।

कौन हैं मार्गदर्शक: मार्गदर्शक मंडल में आडवाणी, जोशी, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री शामिल हैं। मार्गदर्शक मंडल की स्थापना भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी का प्रभार संभालने के बाद की थी। गठन के बाद से इसकी बैठक नहीं हुई है।