डीडीसीए विवाद पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ हमला बोलने को लेकर भाजपा से निलंबित किए गए पार्टी सांसद कीर्ति आजाद ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वे इस मामले में दखल दें। आजाद ने संकेत दिए कि वह डीडीसीए के खिलाफ अदालत की निगरानी में होेने वाली जांच की मांग कर सकते हैं। बागी तेवर अपना चुके आजाद ने फिर कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि पार्टी उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के ‘स्पष्ट कारण’ बताए। आजाद ने यहां कहा, ‘भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने की बातें करते हैं। हम महात्मा गांधी के रास्ते पर चलने की बात भी करते हैं। लिहाजा, मैं चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी इस मुद्दे में दखल दें, इसकी गहराई में जाएं और मुझे बताएं कि मैंने क्या गलत किया है, क्योंकि मुझे स्पष्ट जवाब की जरूरत है।’
बुधवार को पार्टी प्रमुख अमित शाह ने आजाद के निलंबन का आदेश दिया था। आजाद पर आरोप है कि डीडीसीए में कथित अनियमितता के मुद्दे पर उन्होंने सरेआम जेटली पर निशाने साधे। आज यहां पत्रकारों से बातचीत में आजाद ने आरोप लगाया कि सीबीआइ नोटिसों के जरिए डीडीसीए की परोक्ष तौर पर मदद कर रही है जिससे फाइलें ‘गायब’ हो रही हैं।
बिहार के दरभंगा से सांसद आजाद ने कहा, ‘मैं सीबीआइ से अनुरोध करता हूं कि वह डीडीसीए को नोटिस नहीं जारी करे क्योंकि ऐसी नोटिसों के बाद फाइलें गायब हो जा रही हैं। यदि कल मैं अदालत जाता हूं और इस मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग करता हूं तो आप मुश्किल में पड़ जाएंगे।’
पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि उन्हें निलंबन का नोटिस मिला है और वह पार्टी को जवाब देने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उन्हें कहा है कि वह निलंबन नोटिस का जवाब तैयार करने में उनकी मदद करेंगे।
आजाद ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी में पूरा विश्वास है और वह अपेक्षा करते हैं कि मोदी इंसाफ करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने पार्टी के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा। मैं सिर्फ डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोल रहा था।’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मेरी अर्जी को सुनेंगे और इंसाफ करेंगे। मैं मार्गदर्शक मंडल से भी कहूंगा कि वह आगे आए और मुद्दे पर विचार करे।’ आजाद ने यह भी कहा कि वह डीडीसीए मुद्दे पर जल्द ही व्यक्तिगत तौर पर एक जनहित याचिका दायर करेंगे।
आजाद ने कहा, ‘मुझे एक नोटिस तो मिला है लेकिन उसमें कोई विशेष कारण नहीं दिया गया कि मैं कब और कहां पार्टी-विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा? मेरा असल दोष क्या है? मैं पिछले नौ साल से यह मुद्दा उठाता रहा हूं लेकिन मैंने इसके लिए कभी पार्टी के मंच का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि मैं जानता हूं कि पार्टी से इसका कोई लेना-देना नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘लिहाजा, अब मैं जानना चाहता हूं कि डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई आखिर ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधि या अनुशासनहीनता के दायरे में कैसे आती है? यह बीसीसीआई का मामला है, पार्टी का नहीं।’ आजाद ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखने का इरादा भी जाहिर किया। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता- हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा भी पढी।
निजी यात्रा पर यहां आए आजाद ने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि भाजपा में सच बोलना गुनाह है। लेकिन, यदि पार्टी मानती है कि मैंने जो भी कहा वह गुनाह है तो मैं यह बार-बार कहूंगा।’