Supreme Court vs Government: सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच कॉलेजियम को लेकर चर्चा लगातार जारी है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने इस मामले से जुड़ा एक और बयान दिया है। किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने मंगलवार को कहा कि यह “गंभीर चिंता का विषय” है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की संवेदनशील रिपोर्ट के कुछ हिस्से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सार्वजनिक डोमेन में डाल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसी के अधिकारी देश के लिए गुप्त तरीके से काम करते हैं और अगर उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है तो वे भविष्य में “दो बार सोचेंगे”।

क्या है रॉ की रिपोर्ट का मामला

किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कानून मंत्रालय के एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के हाल के कुछ प्रस्तावों पर सवालों का जवाब के दौरान कहा ‘उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए कुछ नामों पर आईबी और रॉ की रिपोर्ट को पिछले सप्ताह सार्वजनिक किया गया था। यह एक गंभीर चिंता का विषय है, जिस पर मैं उचित समय पर प्रतिक्रिया दूंगा।’

यह मामला समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल के से जुड़ा है। जिन्हें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम दिल्ली हाईकोर्ट में नियुक्त करना चाहता है। लेकिन केंद्र ने उनके नाम पर आपत्ति दर्ज करा दी थी।  केंद्र ने इसके लिए खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट का हवाला दिया था। लेकिन कॉलेजियम ने रॉ की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार जजों के बारे में दी गईं केंद्र की आपत्तियों और रॉ-सीबीआई की रिपोर्ट्स को सार्वजनिक कर दिया था।

RAW की रिपोर्ट में क्या था ?

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) ने समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल के विदेशी पार्टनर को लेकर शक जाहिर जताया था। इसपर प्रीतिक्रिया देते हुए कहा था कि कॉलेजियम ने कहा था कि रॉ ने जो कुछ भी बताया, उससे यह बिल्‍कुल नहीं लगता कि कृपाल से राष्‍ट्रीय सुरक्षा पर कोई असर पड़ेगा। पहले से यह मान लेना कि उनके पार्टनर भारत के प्रति दुश्‍मनी का भाव रखते होंगे, गलत है। सौरभ कृपाल के पार्टनर निकोलस जर्मेन बाकमैन स्विस नागरिक हैं। वह स्विस दूतावास में काम करते हैं। जबकि केंद्र सरकार सौरभ कृपाल की नियुक्ति को लेकर लगातार विरोध में दिखाई दे रही है।