किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि बंगाल चुनाव में वह एक खास मकसद से आए हैं। यहां के लोगों को यह बताना है कि यहां से दिल्ली वाली ठगी सरकार को भगाओ। उनका कहना था कि उन्हें पता चला है कि दिल्ली की सरकार बंगाल में बैठी है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई दिखाई नहीं दिया। उनका कहना था ममता बनर्जी एक क्रांतिकारी महिला हैं जो बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं। टिकैत ने कहा कि उन्हें लगता है कि साजिश के तहत ममता को अस्पताल भिजवा दिया गया।

टिकैत ने कहा कि उन्हें पता चला है कि ममता को विरोधियों ने धक्का दिया है। उनकी पूरी सहानुभूति बंगाल की सीएम के साथ है। बकौल टिकैत, वह बीजेपी के लोगों की तरह से नहीं हैं जो तीन सौ किसानों की मौत पर संवेदना का एक शब्द नहीं बोलते। उन्होंने कहा कि बंगाल में बीजेपी को हराने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। 8 चरणों में होने वाले चुनावों में वह लगातार आते रहेंगे।

टिकैत ने कहा कि उन्होंने बंगाल के लोगों से कहा है कि कोई वोट मांगने आए तो उससे पूछ लेना कि मेरे चावल का रेट क्या है। एमएसपी का क्या हुआ। एक सवाल के दवाब में उनका कहना था कि लड़ाई में लड्डू तो नहीं बंटते हैं। उनका कहना था कि किसान राजनीति का शिकार नहीं हो रहा है। उनका सवाल था कि हमें कौन राजनीति का शिकार बना सकता है।

टिकैत का कहना था कि सरकार की तरफ से उनके पास बातचीत की कोई काल नहीं आई है। किसान अपनी मांगों को लिए सारे देश में आंदोलन कर रहा है। उनका कहना था कि वह उन राज्यों में भी जाएंगे जहां पर चुनाव नहीं हैं। उनका कहना था कि वह केवल बीजेपी का विरोध कर रहे हैं। हम किसी पार्टी विशेष का समर्थन नहीं कर रहे हैं, बल्कि जो बीजेपी को हरा सके उसे ही वोट देने की अपील जनता से कर रहे हैं।

टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार को बड़ी-बड़ी कंपनियां चला रही हैं। यह व्यापारियों की सरकार है। टिकैत ने कहा कि अब किसान दिल्ली में जाकर अपनी फसलें बेचेंगे। जिन लोगों ने कानून बनाए हैं वो सारे संसद में ही बैठते हैं। एक सवाल पर उनका कहना था कि उन्हें संसद के आसपास अपनी फसल बेचने से कौन रोक सकता है। किसान नेता ने यह भी कहा कि नवंबर दिसंबर तक तीनों काले कानून वापस होने की उम्मीद है।