Khalistani Terrorist Gurpatwant Singh Pannun: खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस पर पांच साल के बैन को दिल्ली हाई कोर्ट के ट्रिब्यूनल ने मंजूरी दे दी है। इस संगठन पर गृह मंत्रालय ने बैन लगाया था। इसको ट्रिब्यूनल ने एकदम सही माना है। सुरक्षा एजेंसियों ने अपने नोट में बताया है कि एसएफजे मणिपुर में ईसाइयों, मुसलमानों और तमिलों को उकसाने में लगा है और अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा है। एजेंसियों के तरफ से तैयार ये नोट केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से बुधवार को जारी 290 पेज के एक ट्रिब्यूनल आदेश का हिस्सा था।

इस नोट में कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने आतंकवादी गतिविधियों की भी प्लानिंग की थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और NSA अजीत डोभाल को धमकियां देना शामिल है। इसमें यह भी कहा गया है, ‘अल्पसंख्यक समुदायों को अन्य समुदायों के खिलाफ भड़काकर सांप्रदायिक आधार पर लोगों को विभाजित करना एसएफजे के लिए अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने का एक प्रमुख उपकरण बन गया है। एसएफजे मणिपुर में ईसाई समुदाय को ‘अलग देश’ के लिए आवाज उठाने के लिए उकसा रहा है, तमिलनाडु के लोगों को ‘द्रविड़स्तान’ के झंडे उठाने के लिए उकसा रहा है और ‘अल्पसंख्यक उत्पीड़न’ का हौवा खड़ा करके मुस्लिम भावनाओं को भड़का रहा है और भारत के मुसलमानों को एक अलग ‘उर्दूस्तान’ बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।’

पाकिस्तान का समर्थन मिलना जारी

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया एजेंसी के इस नोट में यह भी कहा गया है कि एसएफजे सेना और पुलिस बलों में सिख कर्मियों को भी भगाने के लिए उकसाता रहा है। सिख फॉर जस्टिस गैंगस्टर्स, आतंकियों और कश्मीरी अलगाववादियो समेत बाकी कट्टरपंथी तत्वों के साथ सांठगांठ करता रहा है। इतना ही नहीं एसएफजे को पाकिस्तान से समर्थन मिलना जारी ही है। एसएफजे कार्यकर्ताओं या समर्थकों के खिलाफ लगभग 104 मामले दर्ज किए गए हैं।

जस्टिन ट्रूडो के संपर्क में रहा है खालिस्तानी पन्नू का संगठन

मणिपुर हिंसा में कई लोगों की जान गई

सरकार ने कहा कि एसएफजे ने पुलिस अधिकारियों और नेताओं के बच्चों की एक लिस्ट तैयार की है जो विदेश में पढ़ रहे हैं। सरकार ने कहा कि अगर उसके कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जाता है तो उन्हें सौदेबाजी के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि मणिपुर में हुई हिंसा में अब तक 250 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 50000 से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। खालिस्तानी पन्नू की हत्या की साजिश और भारत पर आरोप पढें पूरी खबर…