देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सभी दलों ने अपने प्रत्याशियों के नामों का भी ऐलान करना शुरू कर दिया है। सत्तारूढ़ बीजेपी इस बार दक्षिण भारत पर भी अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कई बार केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना समेत दक्षिण के कई राज्यों का दौरा कर चुके हैं। केरल में बीजेपी का अभी तक जीत नहीं मिल सकी है। केरल में लेफ्ट की सरकार है और वहां उसके विरोध में केवल कांग्रेस ही मैदान में कुछ प्रभाव छोड़ पाती है।

तीन बार से कांग्रेस के शशि थरूर रहे हैं सांसद

राज्य में सबसे हाई प्रोफाइल सीट राजधानी तिरुअनंतपुरम है। इस लोकसभा सीट पर पिछले तीन बार से कांग्रेस के शशि थरूर ही जीतते रहे हैं। इस बार भी वे यहां से जनता का समर्थन मिलने की उम्मीद के साथ मैदान में उतरे हैं। बीजेपी ने यहां से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है। हालांकि वह पहली बार चुनावी मैदान में हैं, लेकिन उनका वहां सियासी कद काफी बड़ा है। ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि वह केरल में जरूर पार्टी का खाता खोलने में सफल रहेंगे।

लेफ्ट ने पन्नियन रवींद्रन को मैदान में उतारा

सत्तारूढ़ वामपंथ ने न केवल सीट बल्कि अपना खोया हुआ सम्मान भी वापस पाने के लिए एक अनुभवी कम्युनिस्ट, सीपीआई के पूर्व राज्य सचिव और एक बार के सांसद पन्नियन रवींद्रन (Pannian Raveendran) को चुना है, क्योंकि पार्टी पिछले दो बार तीसरे स्थान पर रही। वह बीजेपी से काफी पीछे।

कांग्रेस को जोरदार टक्कर देने के मूड में हैं BJP

बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को यहां से मैदान में उतारकर इस बार शशि थरूर को जोरदार टक्कर देने के मूड में हैं। हालांकि राजीव चंद्रशेखर कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन वह एक कुशल प्रौद्योगिकी उद्यमी है। वह मूल रूप से केरल के त्रिशूर के रहने वाले हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह यहां से जीतने पर तिरुअनंतपुरम को एक ऐसा स्थान बनाएंगे, जो प्रौद्योगिकी, पर्यटन, इलेक्ट्रानिक्स, विनिर्माण, अनुसंधान और विज्ञान के लिए जाना जाएगा।

दूसरी तरफ कांग्रेस उम्मीदवार और निवर्तमान सांसद शशि थरूर को उम्मीद है कि उनका काम और उनका ट्रैक रिकॉर्ड उनको जीत दिलाएगा। हालांकि उनको भी बीजेपी के राजीव चंद्रशेखर के मैदान में उतरने और लेफ्ट के पन्नियन रवींद्रन के दमदारी से मैदान में कूदने से जीत पहले की तरह आसान नहीं लग रही है। 2009 से पहले दो बार तिरुअनंतपुरम से लेफ्ट के ही उम्मीदवार जीतते रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस, लेफ्ट और बीजेपी के प्रत्याशियों के मैदान में उतरने से यह सीट काफी महत्वपूर्ण और हाईप्रोफाइल बन गई है।

तिरुअनंतपुरम में सात विधानसभा क्षेत्र – कज़हक्कुट्टम (Kazhakkoottam), वट्टियूरकावु (Vattiyoorkavu), तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram), नेमोम (Nemom), परसाला (Parassala), कोवलम (Kovalam) और नेय्याट्टिनकारा (Neyyattinkara) हैं।